भारत के लोग जो तमाम जुल्म और अत्याचार सह चुके थे, वही जुल्म और अत्याचार स्पेन के लोगों ने भी सहा था, और लगभग उतने ही समय तक। जब यह अत्याचार समाप्त हुआ और एक ईसाई शासक ने स्पेन में धार्मिक और राजनीतिक आधार पर इसका प्रतिकार करना शुरू किया, तो वहां की पीड़ित जनता उसके साथ एकजुट होकर खड़ी हो गई।
अंततः मुस्लिम शासकों को वहां से भागना पड़ा। इतना ही नहीं, स्पेन के लोगों और शासकों ने यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में कभी ऐसा गुलामी का दौर न आए। इसके लिए उन्होंने एक आदेश जारी किया, जिसके बाद स्पेन में मुस्लिमों का अस्तित्व ही सवालों के घेरे में आ गया और देश पूरी तरह से एक शुद्ध ईसाई राज्य बन गया।
अगर आज आप स्पेन में किसी आतंकी हमले या किसी आतंकवादी साजिश के पकड़े जाने की खबर सुनें, तो इसका संबंध इतिहास में स्पेन द्वारा जारी किए गए आदेशों से हो सकता है, जिनका बदला लेने के लिए कुछ चरमपंथी आज भी स्पेन को अपना दुश्मन मानते हैं।
जाने उस समय के स्पेन के बारे में, जब उसने अपनी पीड़ा को आक्रोश में बदलकर एक शांत और आतंकवाद मुक्त देश की पहचान बनाई। समझें उस जनता को, जिसने अपने विद्रोही राजा का साथ दिया और कैसे उस शासक ने धीरे-धीरे छोटे-छोटे इलाकों को जीतकर अंततः पूरे स्पेन को एक ईसाई राज्य बना दिया, जिसने खुद पर अत्याचार करने वालों की मौजूदगी को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया। इस संघर्ष में उसकी जनता ने हर कदम पर उसका साथ दिया।
आज से ठीक 533 साल पहले, यानी 2 जनवरी 1492 को, स्पेन में अंतिम मुस्लिम शासक ग्रेनेडा साम्राज्य का अंत हुआ और पूरे देश में ईसाई शासकों का शासन फिर से स्थापित हो गया। इसी दिन, किंग फर्डिनैंड पंचम और रानी ईसाबेला प्रथम की ईसाई सेनाओं के सामने ग्रेनेडा के मूर शासकों ने आत्मसमर्पण किया। ग्रेनेडा के हाथ से निकलने के बाद, स्पेन में मुसलमान मूर शाहों का साम्राज्य समाप्त हो गया। दक्षिणी स्पेन में स्थित ग्रेनेडा शहर मूर शासकों का गढ़ था।
11वीं सदी में सुलतान आल्मोराविद के शासनकाल में ग्रेनेडा अपनी शक्ति और प्रभाव के चरम पर था। लेकिन 1238 में स्पेनी ईसाई सेनाओं ने मूर शासकों को हराना शुरू किया, जिससे वे दक्षिणी स्पेन के ग्रेनेडा क्षेत्र में ही बसने लगे। धीरे-धीरे, ग्रेनेडा मूरिश सभ्यता का सबसे बड़ा गढ़ बन गया।
15वीं सदी के अंतिम दौर में स्पेन में आंतरिक संघर्षों के कारण, ईसाई राजा फर्डिनांड और रानी ईसाबेला की शक्ति और प्रभाव में वृद्धि हुई। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने देश के अधिकांश हिस्सों से मूरिश साम्राज्य का खात्मा कर दिया। 2 जनवरी 1492 को ग्रेनेडा के अंतिम मूर शासक राजा बोआब्दिल ने उसे स्पेनी सेनाओं को सौंप दिया। इसके बाद, 1502 में स्पेनी शासन ने सभी मुसलमानों को ईसाई बनाने का आदेश दिया। अगले शताब्दी में अनगिनत अत्याचारों का सामना करना पड़ा, और 1609 तक, जो मूरों ने इस्लाम धर्म नहीं छोड़ा, उन्हें स्पेन से बाहर कर दिया गया।
स्पेन के साहसी शासकों और उनके साथ लड़ी वीर महिलाओं की बहादुरी को आज भी स्पेन में याद किया जाता है।