महाकुंभ मेले 2025 के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। करोड़ों श्रद्धालु इस बार संगम में पुण्य लाभ और आत्मिक शांति की तलाश में आएंगे। प्रशासन ने मुख्य स्नान पर्वों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेले क्षेत्र को वाहन-मुक्त जोन घोषित किया है।
संगम तक पहुंचने के लिए करना होगा पैदल सफर
प्रशासनिक आदेश के अनुसार, श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचने के लिए कम से कम 10 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होगी। भीड़ अधिक होने पर यह दूरी और बढ़ सकती है। मुख्य स्नान पर्व के एक-दो दिन पहले से लेकर अगले दिन तक यह व्यवस्था लागू रहेगी।
पौष पूर्णिमा (15 जनवरी) और मकर संक्रांति (14 जनवरी) जैसे प्रमुख स्नान पर्वों के लिए वाहन-मुक्त क्षेत्र 11 जनवरी की शाम 8 बजे से प्रभावी होगा। सभी आने वाले वाहनों को संगम से कम से कम 10 किलोमीटर पहले पार्किंग क्षेत्रों में रोका जाएगा।
भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष इंतजाम
स्नान पर्वों पर संगम की ओर बढ़ती भीड़ का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण होता है। इस बार आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। श्रद्धालु जीटी जवाहर मार्ग से संगम तक जाएंगे, जबकि बाहर निकलने वाले श्रद्धालु अक्षयवट मार्ग और त्रिवेणी मार्ग का उपयोग करेंगे।
मेले में भीड़ को व्यवस्थित रखने के लिए जगह-जगह बैरिकेड्स बनाए गए हैं। ये बैरिकेड्स मंदिरों और एयरपोर्ट्स की तरह हैं, जहां श्रद्धालु नियंत्रित गति से आगे बढ़ सकते हैं। इस व्यवस्था से भीड़ को नियंत्रित करने और भगदड़ जैसी घटनाओं से बचाव में मदद मिलेगी।
वाहनों के लिए पार्किंग निर्देश
यातायात पुलिस ने श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की व्यवस्था जारी की है:
- जौनपुर की ओर से आने वाले: चीनी मिल से बदरा सोनटी तक।
- वाराणसी की ओर से आने वाले: झूंसी से महमूदाबाद तक।
- मिर्जापुर की ओर से आने वाले: देवरख से गजिया तक।
- रीवा और बांदा की ओर से आने वाले: वन प्रयागम और मीरपुर कछार।
- कानपुर और चित्रकूट की ओर से आने वाले: काली एक्सटेंशन और दधिकांदों।
- लखनऊ और प्रतापगढ़ की ओर से आने वाले: गंगेश्वर महादेव और आईईआरटी।
- अयोध्या की ओर से आने वाले: शिवबाबा पार्किंग।
रेल यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था
रेलवे ने भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। कई ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर समाप्त किया जाएगा। स्टेशनों पर प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। स्टेशन से मेले तक जाने वाले वाहनों को भी प्रवेश द्वार से 4-5 किलोमीटर पहले रोक दिया जाएगा।
आध्यात्मिक यात्रा के लिए तैयार रहें
महाकुंभ 2025 न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान करेगा। यदि आप मेले में जाने की योजना बना रहे हैं, तो लंबी पैदल यात्रा के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहें। यह यात्रा आपकी आस्था को मजबूती और आपके अनुभव को अविस्मरणीय बना देगी।