इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक महिला ने अपनी सास के उत्पीड़न से तंग आकर जिला कोर्ट की शरण ली। मामला तब सामने आया जब महिला ने आरोप लगाया कि उसकी सास ने शादी के बाद से ही उसकी वर्जिनिटी को लेकर सवाल उठाए। सास ने यह दावा किया कि शादी की पहली रात के बाद सफेद चादर पर खून नहीं गिरा, जिससे वह महिला के चरित्र पर शक करने लगीं।
कोर्ट ने दिए केस दर्ज करने के आदेश
महिला ने कोर्ट में यह भी बताया कि उसकी सास ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और यहां तक कि घर में मृत बेटी का डीएनए टेस्ट कराने का दबाव बनाया। जिला कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को सास के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है।
महिला ने किया था उत्पीड़न का आरोप
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि शादी के बाद से ही उसकी सास ने उसके चरित्र पर सवाल उठाए और परिवार के अन्य सदस्यों को भी उसके खिलाफ कर दिया। सास ने बहू को बार-बार ताने दिए और उसे नीचा दिखाने की कोशिश की। महिला ने कहा कि यह मानसिक उत्पीड़न उसकी सहनशक्ति से बाहर हो गया, जिसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया।
मानसिक उत्पीड़न और सामाजिक दबाव का मामला
यह मामला महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक रूढ़ियों के बीच के टकराव को उजागर करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, विवाह के बाद बहू पर वर्जिनिटी को लेकर सवाल उठाना न केवल मानसिक उत्पीड़न है, बल्कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा का उल्लंघन भी है।
पुलिस ने शुरू की जांच
कोर्ट के आदेश के बाद, पुलिस ने सास के खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और सभी पक्षों से बयान लिए जाएंगे।
समाज में बदलाव की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर से भारतीय समाज में वर्जिनिटी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बहस छेड़ दी है। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में महिलाओं को कानूनी सहायता और सामाजिक समर्थन की आवश्यकता होती है।
(रिपोर्ट: इंदौर ब्यूरो)