प्रयागराज: दक्षिणपंथी हिंदुत्व विचारधारा के लिए मशहूर डासना मंदिर के प्रमुख पुजारी यति नरसिंहानंद ने एक बार फिर अपने विवादित बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान उन्होंने कहा कि यदि "जिहादियों" की आबादी बढ़ती है और भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाया जाता है, तो यह महाकुंभ मेला आखिरी हो सकता है।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में यति नरसिंहानंद ने कहा, "अगर जिहादियों की संख्या बढ़ी, तो न सिर्फ मंदिर खत्म हो जाएंगे, बल्कि हमारे घरों में भी एक भी महिला सुरक्षित नहीं रहेगी।" उनके इस बयान ने महाकुंभ मेले की पवित्रता के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
यह पहली बार नहीं है जब यति नरसिंहानंद ने ऐसा बयान दिया हो। पिछले साल हरिद्वार में आयोजित विश्व धर्म संसद के दौरान भी उन्होंने इस्लामोफोबिक बयानबाजी की थी। उन्होंने AIMIM नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के एक पुराने भाषण का हवाला देते हुए धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल किया था।
यति नरसिंहानंद के इस बयान पर मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे "भड़काऊ और नफरत फैलाने वाला" करार दिया। उन्होंने कहा, "इस तरह के बयान न केवल समुदायों के बीच दरार बढ़ाने का काम करते हैं, बल्कि सामाजिक शांति और सौहार्द्र को भी नुकसान पहुंचाते हैं।"
कानूनी कार्रवाई की मांग
कई सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसे बयान नफरत और विभाजन को बढ़ावा देते हैं और कानून के तहत इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने फिलहाल इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। हालांकि, राज्य के कुछ नेताओं ने इसे "स्वतंत्रता की सीमा का उल्लंघन" बताते हुए मामले की जांच की मांग की है।
यति नरसिंहानंद के इस बयान ने एक बार फिर समाज में बढ़ती ध्रुवीकरण की राजनीति और धार्मिक असहिष्णुता के मुद्दे को उजागर किया है। ऐसे बयान न केवल सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करते हैं, बल्कि धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों पर भी सवाल खड़े करते हैं।