संभल में प्रशासन ने 1978 के दंगों के बाद हिंदू परिवारों से छिनी गई करीब 3 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन वापस दिलाई है। यह जमीन रोडवेज बस स्टैंड के पीछे स्थित दो बीघे का बाग है, जो पहले हिंदू परिवारों का था।
1978 के दंगों के दौरान इन परिवारों को धमकाकर और डराकर उनकी जमीन से बेदखल कर दिया गया था। इसके बाद दूसरे समुदाय के लोगों ने इस जमीन पर कब्जा कर लिया और वहां एक स्कूल भी बना लिया। लंबे समय से इन परिवारों को उनकी जमीन पर वापस जाने से रोका जा रहा था।
पीड़ित परिवारों ने प्रशासन और पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम वंदना मिश्रा ने जमीन की पैमाइश करवाई और यह साबित हुआ कि जमीन हिंदू परिवारों की है। प्रशासन ने मौके पर पुलिस की तैनाती के साथ परिवारों को उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया।
पीड़ित परिवार के सदस्य रघुनंदन ने बताया कि यह जमीन उनके परिवार की है और उनके पास जमीन के वैध दस्तावेज हैं। उन्होंने कहा कि 40 साल पहले हुए दंगों के बाद उनका परिवार इस इलाके को छोड़ने पर मजबूर हो गया था।
वहीं, जमीन पर कब्जा करने वाले डॉ. मोहम्मद शाजेब ने दावा किया कि यह जमीन उनके पिता ने करीब 50 साल पहले स्कूल के नाम पर ली थी। उन्होंने अपने दस्तावेज राजस्व विभाग को दिखाने की बात कही और जमीन पर अवैध कब्जे के आरोप को गलत बताया।
प्रशासन ने यह भी पाया कि जमीन पर फायर स्टेशन के नाम का एक अवैध बोर्ड लगा हुआ था, जिसकी जांच दमकल विभाग कर रहा है। इसके अलावा, करीब 5,000 वर्ग फीट जमीन पर और भी कब्जा हटाने के लिए बुलडोजर कार्रवाई की संभावना है।
24 नवंबर की हिंसा के बाद यह प्रशासन की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। एसडीएम वंदना मिश्रा ने कहा कि जमीन पीड़ित परिवार की है और उन्हें उनका अधिकार दिलाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे दशकों से परेशान परिवारों को न्याय मिला है।