नई दिल्ली: जमात-ए-इस्लामी हिंद (JIH) के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने मीडिया की स्वतंत्रता और उसकी भूमिका पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि देश में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर स्थिति अभूतपूर्व रूप से चिंताजनक है।
हुसैनी ने कहा, "हमारे देश में हमेशा से सवाल पूछने वालों पर दबाव डालने और उन्हें परेशान करने की घटनाएं होती रही हैं। लेकिन वर्तमान में जो स्थिति है, वह सामान्य नहीं है। मीडिया पर जो दबाव और रोकथाम देखी जा रही है, वह अब सामान्य प्रक्रिया नहीं बल्कि असाधारण रूप से चिंताजनक स्थिति है।"
प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक पर भारत की गिरावट
उन्होंने प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की गिरती स्थिति पर भी बात की। "हम दुनिया की सबसे बड़ी लोकतंत्र होने का दावा करते हैं, लेकिन प्रेस स्वतंत्रता के मामले में तानाशाही वाले देशों से भी पीछे हैं। यह हमारे लिए शर्म की बात है। पिछले 10-15 वर्षों में, हमारा स्थान 160 के आस-पास है। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि लोकतांत्रिक देश होते हुए भी हम इतना पीछे हैं," उन्होंने कहा।
मीडिया की भूमिका पर जोर
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने मीडिया की भूमिका को समाज का जमीर और शिक्षक करार दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया को "वॉचडॉग" की भूमिका निभानी चाहिए, न कि "लैपडॉग" की। उन्होंने कहा, "मीडिया का काम है ताकतवर लोगों पर नजर रखना और कमजोर तबकों को राहत देना। लेकिन आज का मीडिया अपने असली मकसद से भटक चुका है।"
मिल्लत टाइम्स की प्रशंसा और सुझाव
मिल्लत टाइम्स के नौ साल पूरे होने और दसवें वर्ष में प्रवेश करने पर उन्होंने टीम को बधाई दी। उन्होंने मिल्लत टाइम्स की बहुभाषी पत्रकारिता की पहल की सराहना की और सुझाव दिया कि इसे और भी क्षेत्रीय भाषाओं जैसे मराठी, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, और पंजाबी में विस्तार करना चाहिए।
गोदी मीडिया ने 'मीडिया' की परिभाषा ही बदल कर रख दी है, सवाल पूछने वालों को सज़ा दी जाती है: सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी (अध्यक्ष JIH)@JIHMarkaz #GodiMedia #India #News
— Journo Mirror (@JournoMirror) January 21, 2025
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इंट्रा और इंटर-कम्युनिटी संवाद की जरूरत
हुसैनी ने कहा कि मुसलमानों को इंट्रा-कम्युनिटी (आंतरिक समुदाय) और इंटर-कम्युनिटी (अंतर-सामुदायिक) संवाद पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, "मुसलमानों को उनके अधिकारों और समस्याओं के समाधान के लिए जागरूक करना और उन्हें हौसला देना जरूरी है। साथ ही, अन्य समुदायों तक अपनी आवाज पहुंचाना और उनके साथ संवाद स्थापित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।"
समाधान-आधारित पत्रकारिता की अपील
उन्होंने मीडिया से केवल समस्याओं को उजागर करने तक सीमित न रहने, बल्कि समाधान प्रस्तुत करने की अपील की। "सिर्फ यह बताना काफी नहीं कि कौन से अत्याचार हो रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि इन समस्याओं से लड़ने और समाधान निकालने के तरीके बताए जाएं," उन्होंने कहा।
मीडिया के लिए प्रेरणा बनने की अपील
अपने भाषण के अंत में, सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने मिल्लत टाइम्स जैसे प्लेटफॉर्म्स की मजबूती की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इसे "उम्मीद की किरण" बताया और कहा कि ऐसे मंचों को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनना चाहिए।
मीडिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो न केवल प्रेस के स्वतंत्रता की स्थिति को उजागर करता है, बल्कि लोकतंत्र के लिए मीडिया की अहमियत को भी रेखांकित करता है।