दिल्ली के कालकाजी स्थित गांधी कैंप में चुनावी माहौल गर्म हो चुका है। यहां जनता की राय और समस्याएं आगामी विधानसभा चुनावों के नतीजों पर असर डाल सकती हैं। कालकाजी में रहने वाले लोगों से बात करने पर सामने आया कि कई लोग बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। पेंशन, राशन, और सड़क निर्माण जैसे मुद्दे उनके लिए प्राथमिकता बने हुए हैं।
पेंशन और राशन की शिकायतें
गांधी कैंप के निवासियों का कहना है कि पेंशन नियमित नहीं मिल रही। प्रेम सिंह, जो इस कैंप में 10 वर्षों से रह रहे हैं, बताते हैं, "पहले पेंशन हर महीने की 7 तारीख को आ जाती थी, लेकिन अब महीनों बीत जाते हैं और पेंशन नहीं आती। जब पैसा ही नहीं होगा तो राशन कैसे पिसवाएंगे? बच्चों को खिलाने की समस्या हो रही है।"
मोदी सरकार की ओर से राशन वितरण की योजनाओं पर भी सवाल उठे। लोगों का कहना है कि 20 किलो गेहूं और 5 किलो चावल तो मिल जाता है, लेकिन इसके साथ अन्य आवश्यक चीजें जैसे तेल और दालें खुद खरीदनी पड़ती हैं। "गेहूं और चावल पिसाने तक का पैसा नहीं है। ऐसे में गुजारा कैसे होगा?" – एक महिला ने नाराजगी जताई।
महिलाओं को मिला समर्थन, लेकिन पुरुषों में असंतोष
दिल्ली सरकार की फ्री बस सेवा महिलाओं को आकर्षित कर रही है। कई महिलाओं ने इस योजना को अच्छा बताया। देवी सिंह कहती हैं, "बस का किराया माफ होने से फायदा हुआ है, लेकिन केवल महिलाओं को ध्यान में रखना काफी नहीं। पुरुषों के लिए भी कुछ योजनाएं लानी चाहिए।"
पुरुषों का कहना है कि उन्हें सरकारी सुविधाओं का उतना लाभ नहीं मिल रहा। एक निवासी ने कहा, "ड्यूटी पर जाने वाले पुरुषों को भी बस सेवा फ्री होनी चाहिए। यह भेदभाव खत्म होना चाहिए।"
बुनियादी सुविधाओं की दुर्दशा
गांधी कैंप में सड़क और नालियों की हालत खराब है। बरसात के मौसम में सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे लोगों को मुश्किलें होती हैं। एक युवा निवासी ने कहा, "राजधानी का यह हाल है कि सड़कों पर कीचड़ और पानी जमा रहता है। नालियां समय पर साफ नहीं होतीं, और सिवर लाइन भी नहीं डाली गई है।"
स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक और सरकारी अस्पतालों को लेकर भी सवाल खड़े हुए। एक स्थानीय महिला ने कहा, "मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयां नहीं मिलतीं। कई बार बाहर की दवा लिखकर दे देते हैं, जिसे खरीदने के लिए पैसे नहीं होते।"
वोट किसे देंगे?
चुनाव में वोट किसे देंगे, इस पर राय बंटी हुई है। कुछ लोग केजरीवाल सरकार के समर्थन में हैं, तो कुछ बीजेपी और कांग्रेस को मौका देने की बात कर रहे हैं। एक बुजुर्ग महिला ने कहा, "जो हमारी समस्याओं को हल करेगा, हम उसी को वोट देंगे।"
गांधी कैंप के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार उनकी समस्याओं को सुना जाएगा और समाधान मिलेगा। दिल्ली के नेताओं के लिए यह कैंप एक अहम संदेश देता है – विकास और बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान दिए बिना चुनाव जीतना मुश्किल होगा।