प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में हुए भीषण भगदड़ हादसे ने कई परिवारों को शोक में डूबा दिया है। इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी ने हादसे पर दुख जताते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
भावुक होते हुए महामंडलेश्वर ने कहा, "हमने पहले ही चेतावनी दी थी कि कुंभ की सुरक्षा को आर्मी के हवाले किया जाए, लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी। प्रशासन की निकम्मी कार्यप्रणाली इस हादसे का मुख्य कारण है। प्रशासन केवल वीआईपी की सेवा में लगा रहा और आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा की अनदेखी की।"
उन्होंने आगे कहा, "यह सिर्फ़ हादसा नहीं, बल्कि प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। किसी का बेटा चला गया, किसी का बाप चला गया। पिछले स्नान के दौरान भी हमने प्रशासन को सचेत किया था, लेकिन हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया।"
इस घटना ने न केवल कुंभ में आए श्रद्धालुओं के मन को झकझोर दिया है, बल्कि प्रशासन की तैयारियों पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। कुंभ मेले जैसे विशाल आयोजन में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की भूमिका अहम होती है, लेकिन भगदड़ की घटना ने इन तैयारियों की पोल खोल दी है।
महाकुंभ में भगदड़ में हुई मौतों पर रो पड़े पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी
— कलम की चोट (@kalamkeechot) January 29, 2025
बोले—
“हमने पहले ही कहा था कुंभ की सुरक्षा को आर्मी के हवाले किया जाए लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी।
निकम्मा प्रशासन पूरी तरह फेल।
प्रशासन सिर्फ़ वीआईपी की जी हुज़ूरी में लगा… pic.twitter.com/oDdWr1JKov
घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्नान घाटों पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। प्रशासन के पास न तो पर्याप्त सुरक्षाकर्मी थे और न ही किसी आपात स्थिति से निपटने का ठोस इंतजाम।
महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी ने मांग की है कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए कुंभ की सुरक्षा का जिम्मा सेना को सौंपा जाए। उनका कहना है कि यदि समय रहते कदम उठाए गए होते, तो यह त्रासदी रोकी जा सकती थी।
इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे देश में शोक और गुस्से का माहौल है। सरकार और प्रशासन को अब श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए ठोस कदम उठाने होंगे ताकि महाकुंभ जैसी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर की गरिमा बनी रहे।
हाइलाइट्स:
- हादसा: महाकुंभ 2025 में भगदड़ से कई मौतें और सैकड़ों घायल।
- प्रशासन पर आरोप: महामंडलेश्वर ने सुरक्षा व्यवस्था को बताया नाकाफी।
- मांग: भविष्य में सेना को सुरक्षा की जिम्मेदारी देने की अपील।