मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। चोरी के शक में दबंगों ने एक किशोर को बेरहमी से खंभे से बांधकर पीटा और उसकी प्राइवेट पार्ट में मिर्च भर दी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया है।
घटना मिर्जापुर जिले के एक गांव की है, जहां किशोर पर चोरी का आरोप लगाकर कुछ दबंगों ने उसे तालिबानी सजा दी। न केवल उसे खंभे से बांधकर पीटा गया, बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट में मिर्च डालकर उसकी अस्मिता को तार-तार किया गया।
इसके बाद, दबंगों ने किशोर को पुलिस के हवाले कर दिया। हैरानी की बात यह है कि इस क्रूरता के बावजूद पुलिस ने पीड़ित के साथ सहानुभूति दिखाने के बजाय उसे हिरासत में ले लिया।
किशोर के गरीब पिता ने अपने बेटे को छुड़ाने के लिए मजबूरन अपनी दो बोरी धान बेच दी। पीड़ित परिवार का कहना है कि उनका बेटा निर्दोष है और उसे झूठे आरोपों में फंसाया गया है।
किशोर के पिता ने कहा, "मैं इतना गरीब हूं कि मुझे अपने बेटे की जमानत के लिए अपना गुजर-बसर करने वाला धान बेचना पड़ा। मेरे बेटे ने कोई चोरी नहीं की है।"
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद स्थानीय लोगों और नेटिज़न्स ने घटना की निंदा की है। वीडियो में दिख रहा है कि किशोर को क्रूरता से पीटा जा रहा है, और वहां मौजूद लोग इस हिंसा को रोकने के बजाय तमाशा देख रहे हैं।
चोरी के शक में किशोर को दबंगों नें दी तालिबानी सजा खंभे से बांधकर पीटा, प्राइवेट पार्ट में भर डाली मिर्च
— जनाब खान क्राइम रिपोर्टर (@janabkhan08) January 4, 2025
दबंगों ने किशोर को पीटकर पुलिस को सौंप दिया
मजबूर गरीब पीड़ित पिता ने अपने पुत्र को छुड़ाने के लिए 2 बोरा धान बेचने पड़े #ViralVideo UP के जिला मिर्जापुर का @Uppolice pic.twitter.com/TfCMH22YZR
मिर्जापुर पुलिस ने घटना की जानकारी मिलने के बाद जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित किशोर को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है, और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
इस घटना पर मानवाधिकार संगठनों ने भी कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया और दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में मौजूद दबंगई और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार है? और यदि नहीं, तो इस प्रकार की घटनाएं क्यों हो रही हैं?
मिर्जापुर की यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाना और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना समय की मांग है।