नई दिल्ली | वर्द्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल में अनुसूचित जाति और जनजाति के 25 छात्रों के साथ भेदभाव के मामले में चार डॉक्टरों को दोषी पाया गया है। अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग द्वारा गठित दो सदस्यीय कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सौंप दी है।
रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के डॉ. वीके शर्मा, डॉ. जय श्री भट्टाचार्य, डीन डॉ. राज गुप्ता, और डॉ. शोभा दास को दोषी ठहराया गया है। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, इन डॉक्टरों ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष की फिजियोलॉजी परीक्षा में अनुसूचित जाति और जनजाति के 35 छात्रों में से 25 को जानबूझकर फेल किया और उन्हें दूसरे सेमेस्टर में प्रवेश से वंचित रखा।
क्या था मामला?
वर्ष 2010 में एमबीबीएस की प्रथम वर्ष की परीक्षा में अनुसूचित जाति/जनजाति के 35 छात्रों को फिजियोलॉजी विषय में फेल किया गया। इसके बाद अक्तूबर में आयोजित पूरक परीक्षा में भी 25 छात्रों को जानबूझकर फेल कर दिया गया। इन घटनाओं से नाराज छात्रों ने उच्च न्यायालय में अपील की।
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद इन छात्रों को दूसरे सेमेस्टर में नहीं बैठने दिया गया। इसके बाद छात्रों ने अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग से शिकायत की। आयोग द्वारा गठित कमेटी, जिसमें एम्स के सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. मुरमू भी शामिल थे, ने अपनी रिपोर्ट में इस भेदभाव की पुष्टि की।
डॉक्टरों पर कार्रवाई की सिफारिश
आयोग की जांच में पुष्टि हुई कि चार डॉक्टरों ने छात्रों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया और अधिनियम का उल्लंघन किया। आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया और प्रो. बालाचंद्रन मुंगेकर ने आरोपी डॉक्टरों को निलंबित करने की सिफारिश की है।
आयोग की सख्त प्रतिक्रिया
आयोग का कहना है कि यह घटना न केवल शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के प्रति गहरे भेदभाव को भी उजागर करती है। आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
रिपोर्ट अब केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पास है, जो इस मामले पर अंतिम निर्णय लेगा। छात्रों को न्याय मिलने की उम्मीद है, और यह मामला अन्य संस्थानों में जाति आधारित भेदभाव पर रोक लगाने के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
इस घटना ने शिक्षा प्रणाली में मौजूद गहरे भेदभाव को उजागर किया है, जिससे समाज में समानता और न्याय की जरूरत पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है।