गाजियाबाद, बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अपनी ही सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन 50 हजार गायों का अवैध वध हो रहा है और अधिकारी इस मामले में मिलीभगत कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इस पूरे तंत्र के मुखिया "चीफ सेक्रेटरी" हैं और भ्रष्टाचार चरम पर है।
गंभीर आरोप और हत्या की आशंका
विधायक गुर्जर ने अपनी हत्या की आशंका जताई है। उन्होंने कहा, "मैं जो बात कह रहा हूं, इसके चलते मेरी हत्या कराई जा सकती है। अधिकारी और सरकार के कुछ लोग इस बात को कई बार कह चुके हैं।" उन्होंने आगे कहा कि वह अपराधियों को पकड़वाने का दावा करते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर कार्रवाई न होने से वह निराश हैं।
हमारी सरकार में प्रतिदिन 50 हज़ार "गाय" कट रही हैं. सारी गाय साफ कर दी गई हैं. अधिकारी गाय का पैसा खा रहे हैं. इन सबके मुखिया "चीफ सेक्रेटरी" हैं.
— Anika Pandey (@Anika_Pan) January 4, 2025
मैं जो बोल रहा हूं उस पर मेरी हत्या भी करा सकते हैं. यह बात वो कई बार बोल चुके हैं. मैं अपराधियों को पकड़वा दूंगा. 9 mm की 25… pic.twitter.com/9qyOS40fPc
गायों के वध का मामला
नंदकिशोर गुर्जर ने आरोप लगाया कि प्रदेश में प्रतिदिन 50 हजार गायों का वध हो रहा है। "सारी गायों को साफ कर दिया गया है, और अधिकारी इस अवैध कार्य से जुड़े पैसों का गबन कर रहे हैं," उन्होंने कहा।
हथियारों की खरीद का आरोप
विधायक ने यह भी दावा किया कि 9 मिमी की 25 पिस्टलें खरीदी जा चुकी हैं, जो अपराधियों और अधिकारियों के बीच सांठगांठ का संकेत देती हैं। उन्होंने इस मामले में जांच और कार्रवाई की मांग की।
पार्टी और प्रशासन पर सवाल
बीजेपी विधायक के इस बयान ने पार्टी और प्रशासन के भीतर हलचल मचा दी है। उन्होंने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह साबित होगा कि इस भ्रष्टाचार में बड़े स्तर पर मिलीभगत है।"
विधायक की मांग
नंदकिशोर गुर्जर ने सरकार से इस मामले की गहराई से जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले को नजरअंदाज किया गया, तो जनता में सरकार की साख पर बुरा असर पड़ेगा।
स्थानीय प्रतिक्रिया
गुर्जर के बयान पर स्थानीय राजनीति में बवाल मच गया है। विपक्ष ने इसे लेकर सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि बीजेपी के ही विधायक सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रशासन का जवाब
अब तक प्रशासन या सरकार की ओर से विधायक के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इस बयान के बाद मामले की जांच के लिए उच्च अधिकारियों को सतर्क किया गया है।
नंदकिशोर गुर्जर का यह बयान न केवल उनकी पार्टी के लिए, बल्कि राज्य सरकार के लिए भी चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाते हैं।