नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्य और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ (आईएसी) आंदोलन को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। भूषण ने कहा है कि इस आंदोलन को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए समर्थन और बढ़ावा दिया था। उनका कहना है कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस सरकार को सत्ता से हटाना और भाजपा को सत्ता में लाना था।
प्रशांत भूषण ने एक साक्षात्कार में कहा, "मुझे इस बात का कोई संदेह नहीं है कि 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' आंदोलन को भाजपा और आरएसएस ने प्रोत्साहित किया। हालांकि, अन्ना हजारे संभवतः इससे अनजान थे। लेकिन मुझे लगता है कि अरविंद केजरीवाल को इसकी जानकारी थी।"
उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन के दौरान उन्हें यह बात समझ में नहीं आई थी, लेकिन अब उन्हें स्पष्ट हो गया है। "इस आंदोलन को लेकर मुझे पछतावा नहीं है, लेकिन दो चीजों का अफसोस है। पहला यह कि मैंने समय रहते यह नहीं समझा कि इस आंदोलन को भाजपा और आरएसएस ने कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन दिया था। दूसरा यह कि आंदोलन का उद्देश्य भ्रष्टाचार से लड़ना था, लेकिन इसके राजनीतिक उपयोग ने इसकी दिशा बदल दी।"
‘India Against Corruption’ was supported & propped up by BJP and RSS for their own political purposes, to bring down Congress govt and Arvind Kejriwal was aware of it.
— Shantanu (@shaandelhite) January 28, 2025
— AAP founding member Prashant Bhushan@ArvindKejriwal you should be the last one to question Rahul Gandhi Ji https://t.co/cCcqphhPBB pic.twitter.com/uesrI48QDp
भूषण ने यह भी कहा कि आंदोलन के प्रमुख चेहरे अन्ना हजारे भी इस समर्थन से अनजान थे। उन्होंने कहा, "अन्ना जी को भी शायद इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनका आंदोलन किन राजनीतिक हितों के लिए उपयोग किया जा रहा है। लेकिन मुझे अब विश्वास है कि अरविंद को इसकी जानकारी थी।"
यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। प्रशांत भूषण का यह खुलासा कई सवाल खड़े करता है कि किस हद तक 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' आंदोलन को राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया गया।
इस मुद्दे पर भाजपा और आरएसएस ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, आप पार्टी की ओर से भी इस बयान पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' आंदोलन 2011 में शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार के खिलाफ जन लोकपाल कानून की मांग करना था। इस आंदोलन ने देशभर में भारी समर्थन प्राप्त किया और यह उस समय के कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के खिलाफ जन आक्रोश का प्रतीक बन गया। आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल ने राजनीतिक दल 'आम आदमी पार्टी' की स्थापना की, जबकि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव जैसे कई प्रमुख नेता आंदोलन से अलग हो गए।
भूषण के इस बयान ने अब आंदोलन की निष्पक्षता और उसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि पर सवाल खड़े कर दिए हैं।