नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष नेहा शालिनी ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए पार्टी नेतृत्व और संगठन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी और इस्तीफे का कारण बताते हुए कहा कि भाजपा में महिलाओं के आत्मसम्मान और उनके मुद्दों को अनदेखा किया जा रहा है।
इस्तीफे का कारण
नेहा शालिनी ने अपने बयान में कहा, "भाजपा को आज तक कोई छोड़ता नहीं था, लेकिन मैंने पार्टी से इस्तीफा देकर यह दिखा दिया कि आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया जा सकता। मुझे पार्टी में लगातार टारगेट किया गया और मेरे काम में बाधा पहुंचाई गई।"
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा में महिलाओं के साथ न्याय नहीं हो रहा और जब वे अपनी बात शीर्ष नेतृत्व तक ले जाने की कोशिश करती हैं, तो उनकी समस्याओं को सुनने तक की कोशिश नहीं की जाती। उन्होंने पार्टी पर पुरुष प्रधान मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि गलत कार्य करने वालों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
हरीश खुराना पर आरोप
नेहा शालिनी ने भाजपा नेता हरीश खुराना पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने मुझे बिना किसी ठोस आधार के प्रवक्ता पद से हटाने का आदेश दिया। "मेरा केवल इतना कसूर था कि मैंने एक भाषण में आंकड़ों में मामूली गलती कर दी थी, जबकि ऐसी गलतियां वरिष्ठ नेताओं से भी होती रही हैं। यह दर्शाता है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाया गया," उन्होंने कहा।
परिवारवाद पर सवाल
नेहा शालिनी ने भाजपा की परिवारवाद के खिलाफ विचारधारा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "पार्टी खुद परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है। एक्स सीएम साहिब सिंह वर्मा जी के बेटे और हरीश खुराना जैसे नेताओं को टिकट दिया जा रहा है। यह स्पष्ट करता है कि पार्टी में पारदर्शिता और योग्यता का अभाव है।"
दिल्ली की जनता को संदेश
इस्तीफे के अंत में नेहा शालिनी ने दिल्ली की जनता से अपील करते हुए कहा, "सोच-समझकर वोट दें। भाजपा के हाथी के दांत दिखाने के और हैं, खाने के और। पार्टी जो बोलती है, वह करती नहीं। महिलाओं के लिए न्याय की उम्मीद करना इस संगठन में व्यर्थ है।"
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा की ओर से इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन नेहा शालिनी के आरोपों ने पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी और आंतरिक राजनीति को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि नेहा शालिनी का यह कदम दिल्ली की राजनीति और भाजपा पर क्या प्रभाव डालता है।