वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र को लेकर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में मांस और मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लागू किया गया है। इसके बावजूद इस क्षेत्र में मांस बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।
नगर निगम के पशुचिकित्साधिकारी की शिकायत पर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने 11 नामजद मांस विक्रेताओं और बिना लाइसेंस कारोबार करने वाले 25 दुकानदारों पर मुकदमा दर्ज किया है। दशाश्वमेध, चौक, और चेतगंज थाना क्षेत्रों में यह कार्रवाई की गई।
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि हाल ही में नगर निगम की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के दो किलोमीटर के दायरे में मांस और मछली की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। इसके बावजूद कुछ दुकानदारों द्वारा मांस बेचे जाने की शिकायतें मिलीं।
उन्होंने कहा, "कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए इन दुकानदारों पर कार्रवाई की गई है। यह कदम काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र की पवित्रता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।"
UP: 10 मुस्लिम मांस के दुकानदारों पर दर्ज हुई FIR! 57 मुस्लिम मांस के कारोबारियों को नोटिस!
— The Muslim Spaces (@TheMuslimSpaces) January 12, 2025
वाराणसी में महाकुंभ को लेकर नगर निगम के जारी निर्देश के बावजूद विश्वनाथ धाम के 2 किलोमीटर परिक्षेत्र में मांस बेच रहे बेनियाबाग-मदनपुरा के 10 मुस्लिम दुकानदारों पर मुकदमा दर्ज किया गया।… pic.twitter.com/3ayPWBcK1M
स्थानीय मांस विक्रेताओं ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। उनका कहना है कि उनकी आजीविका पर प्रतिबंध लगने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। दुकानदारों ने महापौर और नगर निगम के अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी समस्या को उठाया और समाधान की मांग की।
काशी जोन के डीसीपी गौरव बंसवाल ने बताया कि दशाश्वमेध और चौक थाना क्षेत्रों में 11 नामजद दुकानदारों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। चेतगंज थाने में बिना लाइसेंस कारोबार करने वाले 25 अन्य दुकानदारों के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है। उन्होंने कहा, "यह कार्रवाई पूरी तरह से कानून के दायरे में रहकर की गई है, और भविष्य में भी नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।"
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महाकुंभ को लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। इसे देखते हुए वाराणसी के पवित्र क्षेत्रों में नियमों को कड़ाई से लागू किया जा रहा है। मांस और मछली की बिक्री पर प्रतिबंध इसी दिशा में उठाया गया कदम है।
प्रशासन के इस फैसले से एक ओर धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करने का प्रयास हो रहा है, तो दूसरी ओर प्रभावित व्यवसायियों के लिए वैकल्पिक समाधान की मांग जोर पकड़ रही है। यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में संतुलन कैसे बनाए रखता है।