नई दिल्ली | अंतरराष्ट्रीय संवाददाता कोरोना वायरस महामारी की भयावह यादें अभी धुंधली भी नहीं हुई थीं कि चीन से एक और खतरनाक वायरस की खबर ने वैश्विक समुदाय की चिंता बढ़ा दी है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) नामक इस नए वायरस ने चीन में कहर मचाया है, और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे कोरोना वायरस की तरह ही गंभीर और संक्रामक मान रहे हैं।
HMPV: क्या है यह नया वायरस?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संबंधी वायरस है, जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। यह वायरस पहली बार 2001 में नीदरलैंड में खोजा गया था, लेकिन अब चीन में इसके प्रकोप ने इसे फिर से सुर्खियों में ला दिया है। यह वायरस बच्चों, बुजुर्गों, और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं।
कोरोना महामारी की शुरुआत चीन से ही हुई थी, अब पांच साल बाद चीन में एक और खतरनाक वायरस ने हाहाकार मचा दिया है !!
— जनाब खान क्राइम रिपोर्टर (@janabkhan08) January 3, 2025
इस वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) बताया जा रहा है, ऐसा कहा जा रहा है कि यह कोरोना वायरस जैसी ही संक्रामक और जानलेवा है !! pic.twitter.com/8NpfH5vwkS
चीन में हालात: कैसे फैला यह वायरस?
चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, HMPV का पहला मामला एक बड़े औद्योगिक शहर में देखा गया। जल्द ही यह वायरस अन्य शहरों में भी फैलने लगा। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और अस्पतालों में भीड़ बढ़ती जा रही है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, वायरस ने बच्चों के स्कूल और वृद्धाश्रमों में बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित किया है।
कोरोना वायरस जैसी संक्रामकता?
विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV की संक्रामकता दर काफी अधिक है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे एहतियाती उपायों की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है।
शंघाई विश्वविद्यालय के वायरोलॉजिस्ट डॉ. लियांग चाओ के अनुसार, "HMPV की संक्रामकता और गंभीरता को देखते हुए इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। अगर समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो यह कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का रूप ले सकता है।"
वैज्ञानिक और चिकित्सा जगत में हलचल
वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संगठन HMPV को लेकर सतर्क हो गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस को लेकर चीन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और सभी देशों को अलर्ट जारी किया है।
डॉ. अंजलि मेनन, जो एक प्रमुख वायरोलॉजिस्ट हैं, ने कहा, "HMPV के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इससे बचाव का सबसे अच्छा तरीका सावधानी बरतना है। कोविड-19 महामारी ने हमें सिखाया है कि समय पर कार्रवाई कितनी महत्वपूर्ण होती है।"
वैश्विक चिंता और नीतिगत प्रतिक्रिया
चीन में HMPV के बढ़ते मामलों ने वैश्विक स्तर पर चिंता पैदा कर दी है। कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य जांच और कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।
अमेरिका और यूरोपीय देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड-19 की तरह ही HMPV परीक्षण शुरू करने की योजना बनाई है। भारत ने भी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सावधानी बरतने और अनावश्यक यात्राओं से बचने की सलाह दी है।
आगे की राह: HMPV से बचाव के उपाय
विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय कारगर हो सकते हैं:
- स्वच्छता: नियमित रूप से हाथ धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें।
- मास्क पहनें: विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क का उपयोग करें।
- सोशल डिस्टेंसिंग: सार्वजनिक स्थानों पर दूरी बनाए रखें।
- सावधानी बरतें: खांसने और छींकने के दौरान रूमाल या कोहनी का उपयोग करें।
- डॉक्टर से संपर्क: यदि बुखार, खांसी, या सांस लेने में परेशानी हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
HMPV का प्रकोप वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक और चुनौती बन सकता है। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि वायरस के खिलाफ सतर्कता और सामूहिक प्रयास कितना महत्वपूर्ण है। हालांकि, कोरोना महामारी के अनुभव ने यह भी दिखाया है कि वैज्ञानिक और चिकित्सा समुदाय इस तरह की आपात स्थितियों से निपटने के लिए अधिक तैयार हैं।
आने वाले हफ्ते तय करेंगे कि HMPV का प्रभाव कितना व्यापक होगा और इसे नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, वैश्विक समुदाय की नजरें चीन पर टिकी हैं।