पलवल, हरियाणा – हरियाणा में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। ताजा मामला पलवल जिले के नेशनल हाईवे-19 पर स्थित मितरोल गांव का है, जहां शुक्रवार, 24 जनवरी को गौ तस्करी के शक में एक मुस्लिम युवक, यूसुफ, की बेरहमी से पिटाई के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई।
सूत्रों के अनुसार, मितरोल गांव के पास कुछ लोगों ने एक गाड़ी को रोका जिसमें तीन गोवंश थे। गाड़ी रवि नाम का युवक चला रहा था, जबकि यूसुफ बाइक पर गाड़ी की निगरानी कर रहा था। इस दौरान कथित गौरक्षकों ने दोनों को रोककर पिटाई करनी शुरू कर दी।
यूसुफ को मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने के कारण अधिक क्रूरता का शिकार बनाया गया। घटना के दौरान, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों युवकों को बचाया। हालांकि, यूसुफ की हालत गंभीर थी और उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
मृतक यूसुफ घुड़पुर गांव का निवासी था और पशुपालन व दूध व्यापार से जुड़ा था। घटना के समय वह नगला गांव से एक दूधारु गाय और उसके बछड़े को खरीदकर टेम्पो के माध्यम से घर ला रहा था। इसी दौरान कथित गौरक्षकों ने उस पर गौ तस्करी का आरोप लगाकर हमला कर दिया।
इस घटना के बाद गुस्साए मृतक के परिजनों ने प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
पुलिस ने इस मामले में 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही, यूसुफ और रवि के खिलाफ भी गोकशी का मामला दर्ज किया गया है। मुंडकटी थाना प्रभारी रेणु शेखावत ने बताया कि आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित की गई है।
मृतक यूसुफ के परिजनों का कहना है कि यह घटना कट्टरपंथी मानसिकता का परिणाम है और इसे एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने के उद्देश्य से अंजाम दिया गया है। परिजनों ने न्याय की मांग की है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की अपील की है।
हरियाणा में ऐसी घटनाओं का बढ़ना सामाजिक तनाव और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से ऐसी घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने की मांग की है।
इस घटना ने एक बार फिर गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा और मॉब लिंचिंग पर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस की जांच के नतीजों पर सभी की नजरें टिकी हैं।