नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद राकेश सिन्हा ने हाल ही में एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने देश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों की स्थिति पर हो रहे राजनीतिक विवादों को "सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश" करार दिया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से 80 करोड़ भारतीयों को मुफ़्त राशन मुहैया कराया गया है, जिनमें से 30% लाभार्थी मुसलमान हैं। इसके साथ ही, सरकार द्वारा निर्मित कुल शौचालयों में से 31% मुसलमानों को आवंटित किए गए हैं।
सिन्हा ने इन आंकड़ों का हवाला देते हुए सवाल उठाया कि "क्या इन तथ्यों के बावजूद मुसलमानों को संकट में बताना उचित है?" उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी बातें सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की मंशा से की जा रही हैं।
विकास योजनाओं में शामिल सभी वर्ग
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) का जिक्र करते हुए सिन्हा ने कहा कि इस योजना ने कोविड-19 महामारी के दौरान लाखों लोगों को राहत प्रदान की। उन्होंने कहा, "सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि धर्म, जाति, या किसी अन्य पहचान के आधार पर भेदभाव न हो। हर जरूरतमंद को सहायता मिली है, और मुसलमान भी इससे वंचित नहीं रहे।"
उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित शौचालयों का उल्लेख करते हुए कहा, "सरकार ने लाखों घरों में शौचालय बनवाए, और इनमें से 31% लाभार्थी मुसलमान हैं। इससे उनकी जीवनशैली में बड़ा सुधार हुआ है।"
2014 के बाद से 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन मिल रहा है जिनमें से 30% मुसलमान हैं, कुल शौचालय में से 31% मुसलमानों को मिले है. इसके बाद भी यह कहना कि मुसलमान संकट में हैं सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की नीयत दर्शाता है: राकेश सिन्हा (RSS नेता एवं पूर्व सांसद)@RakeshSinha01 #Muslim… pic.twitter.com/wKNlB844GN
— Journo Mirror (@JournoMirror) January 19, 2025
'सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की साजिश' का आरोप
सिन्हा ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, "कुछ लोग बार-बार यह कहकर मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रहे हैं कि वे संकट में हैं। यह पूरी तरह तथ्यहीन और केवल राजनीतिक एजेंडा है।" उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान समाज में विभाजन बढ़ाने का प्रयास हैं और इससे भारत के सामूहिक विकास की प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
विपक्ष का पलटवार
सिन्हा के बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "मुसलमानों को केवल आंकड़ों में गिनने से उनकी वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं होगा। बेरोजगारी, शिक्षा, और सुरक्षा के मुद्दों को हल करने की जरूरत है।"
हालांकि, बीजेपी नेताओं ने सिन्हा का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार सबका साथ, सबका विकास, और सबका विश्वास की नीति पर चल रही है और आंकड़े इसका प्रमाण हैं।
राकेश सिन्हा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में सांप्रदायिक सौहार्द और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर बहस तेज है। उनके द्वारा प्रस्तुत आंकड़े निश्चित रूप से ध्यान आकर्षित करते हैं, लेकिन यह देखना बाकी है कि यह बयान समाज में एक सकारात्मक चर्चा को जन्म देगा या विवाद का कारण बनेगा।