बेतिया: एक सरकारी स्कूल में दो शिक्षकों के बीच मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस घटना ने शिक्षा जगत में न केवल शर्मिंदगी बल्कि कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
घटना बेतिया के एक सरकारी स्कूल की है, जहां एक शिक्षक और प्रधानाध्यापक के बीच पहले बहस हुई और फिर मामला मारपीट तक पहुंच गया। बताया जा रहा है कि विवाद स्कूल में हाजिरी को लेकर शुरू हुआ। वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि दोनों शिक्षकों के बीच पहले कहासुनी हुई और बाद में दोनों ने एक-दूसरे पर हाथ उठा लिया।
वायरल वीडियो ने मचाया हड़कंप
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो ने स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग को हिलाकर रख दिया है। वीडियो में नजर आ रहा है कि एक शिक्षक प्रधानाध्यापक से गुस्से में बात कर रहा है। अचानक बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों ने आपा खो दिया और हाथापाई शुरू हो गई।
निंदनीय" दो शिक्षक आपस में भिड़े वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल !!
— जनाब खान क्राइम रिपोर्टर (@janabkhan08) December 23, 2024
बेतिया के सरकारी स्कूल का इस वीडियो में एक शिक्षक प्रिंसिपल से बहस करते नजर आ रहे हैं !!
फिर दोनों के बीच मारपीट शुरु हो गई, दोनों के बीच पहले हाजिरी को लेकर बहस होती है pic.twitter.com/vQxl9vs1mf
स्थानीय लोगों की नाराजगी
इस घटना को लेकर स्थानीय लोग और अभिभावक नाराज हैं। उनका कहना है कि स्कूल जैसी जगह पर, जहां बच्चों को नैतिकता और अनुशासन की शिक्षा दी जाती है, वहां शिक्षकों का इस तरह का व्यवहार बेहद शर्मनाक है।
शिक्षा विभाग ने लिया संज्ञान
घटना के वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी और दोषी शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं शिक्षा व्यवस्था की साख को नुकसान पहुंचाती हैं। स्कूल शिक्षकों को बच्चों के लिए आदर्श होना चाहिए, लेकिन इस तरह के घटनाक्रम उनके प्रति छात्रों और अभिभावकों के विश्वास को कमजोर करते हैं।
घटना ने समाज में शिक्षकों के आदर्श व्यवहार पर सवालिया निशान लगाया है। यह जरूरी है कि शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारियों और मर्यादाओं का भान हो। शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट के बाद ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इस घटना से स्कूलों और शिक्षकों को सीख लेनी चाहिए कि वे बच्चों के सामने अनुशासन और नैतिकता का उदाहरण बनें।