हरिद्वार: यति नरसिंहानंद गिरी, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर, ने शुक्रवार को हरिद्वार में अधिकारियों के खिलाफ एक विशेष 'महायज्ञ' शुरू किया। यह महायज्ञ उन अधिकारियों को लेकर किया गया है, जिन्होंने हाल ही में प्रस्तावित धर्म संसद को रोकने का प्रयास किया था। गिरी ने इस यज्ञ के माध्यम से 'अधिकारियों के सर्वनाश' की कामना की और उन्हें सनातन धर्म के विरुद्ध कार्य करने वाला करार दिया।
महायज्ञ का उद्देश्य
यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा,
"हमने हमेशा सनातन धर्म और मां गंगा की रक्षा के लिए कार्य किया है, लेकिन इन भ्रष्ट अधिकारियों ने अपनी हठधर्मिता और अहंकार के कारण हमारी धर्म संसद को रोक दिया। अब हमने मां बगलामुखी और भगवान महादेव से प्रार्थना की है कि वे इन दुष्ट अधिकारियों और उनके संरक्षकों का सर्वनाश करें।"
उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद की अनुमति दी थी, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने इसे रोककर अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया।
अधिकारियों पर आरोप
यति नरसिंहानंद ने अधिकारियों पर सनातन धर्म की मर्यादा को भंग करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद की रिकॉर्डिंग की बात कही थी, लेकिन अधिकारियों ने इसे रोकने का फैसला लिया। उन्होंने कहा,
"अगर हमने कुछ गलत कहा, तो रिकॉर्डिंग के आधार पर हमें दंडित करें, लेकिन धर्म संसद को रोकने का कोई औचित्य नहीं था। यह कार्य केवल सनातन धर्म और साधु-संतों के अपमान के लिए किया गया है।"
राजनीति और नेतृत्व पर टिप्पणी
गिरी ने राजनीतिक नेतृत्व पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेता इन अधिकारियों को संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि नेताओं के खिलाफ लड़ाई से कोई लाभ नहीं होगा, क्योंकि हिंदू समाज उन्हें गद्दार कहेगा।
महायज्ञ और गोला समर्पण
महायज्ञ के दौरान गिरी ने अधिकारियों के 'सर्वनाश' के लिए एक विशेष मंत्रोच्चार किया और कहा कि वे गोला समर्पित कर मां गंगा के चरणों में लौट जाएंगे। उन्होंने कहा,
"मैंने आज तक केवल इस्लामिक जिहाद के विनाश की प्रार्थना की थी, लेकिन पहली बार मैं इन अधिकारियों के सर्वनाश की कामना कर रहा हूं। यह उनका अहंकार और भ्रष्टाचार है, जिसने हमें इस स्थिति में ला खड़ा किया है।"
समर्थकों का संदेश
गिरी ने धर्म और सनातन के समर्थन में आए संतों और भक्तों का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच है। उन्होंने मां बगलामुखी और भगवान महादेव से प्रार्थना की कि वे धर्म की रक्षा करें और इन अधिकारियों का विनाश करें।
विवादों में घिरे यति नरसिंहानंद
यति नरसिंहानंद पहले भी अपने विवादास्पद बयानों और कार्यों के लिए सुर्खियों में रहे हैं। उनके द्वारा अधिकारियों और धर्म संसद को लेकर दिए गए बयान से एक बार फिर तीखी बहस छिड़ गई है।
प्रशासन ने अभी इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन धार्मिक और राजनीतिक हलकों में इस घटना की तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।