लखनऊ: सोशल मीडिया पर एक महिला पत्रकार के खिलाफ आरोपों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि यह महिला देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ "घटिया पोस्ट" करके उनकी "बेज्जती" कर रही है।
पोस्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि महिला अपने बयानों और पोस्ट के जरिए प्रदेश और देश के लोगों को "भड़काने" का काम करती हैं, जिससे देश और प्रदेश की शांति और सुरक्षा को खतरा हो सकता है। पोस्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस से मामले पर संज्ञान लेने की मांग भी की है।
पत्रकारिता पर उठे सवाल
पोस्ट करने वाले ने यह तक लिखा कि महिला पत्रकार को अपनी पसंदीदा राजनीतिक पार्टी ज्वाइन कर लेनी चाहिए और पत्रकारिता छोड़ देनी चाहिए। यह बयान सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा का विषय बन गया है।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं
यह महिला देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री एवं यूपी के मुख्यमंत्री की घटिया पोस्ट करके बेज्जती कर रही है !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) December 20, 2024
कई लोगों की तरह प्रदेश और देश के लोगों को भड़काने का कार्य करती रहती है !!
जो कि देश और प्रदेश के लिए चिंता का विषय है, उत्तर प्रदेश पुलिस कृपया संज्ञान ले !!
इनको तो… pic.twitter.com/AeH9afZM9s
इस मामले पर सोशल मीडिया यूजर्स के बीच दो राय बन गई है। कुछ लोगों ने महिला पत्रकार के समर्थन में लिखा कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सभी को है और किसी भी नागरिक को सरकार की आलोचना करने का हक है। वहीं, कुछ लोगों ने पोस्ट में लगाए गए आरोपों को सही ठहराते हुए कहा कि पत्रकारिता की सीमा को पार करना और किसी को बेवजह अपमानित करना सही नहीं है।
पुलिस क्या करेगी कार्रवाई?
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर बढ़ते विवाद को देखते हुए यह संभावना है कि पुलिस जल्द ही मामले की जांच शुरू कर सकती है।
पत्रकार का पक्ष क्या है?
महिला पत्रकार ने अभी तक इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अगर उन्होंने बयान जारी किया, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इन आरोपों का कैसे जवाब देती हैं।
यह मामला एक बार फिर इस बात को रेखांकित करता है कि सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी से लिखना और अपनी बात रखना कितना महत्वपूर्ण है। साथ ही, यह सवाल भी उठता है कि क्या सरकार या उसके प्रतिनिधियों की आलोचना करना अपराध है, या इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत देखा जाना चाहिए।