नई दिल्ली: बढ़ते तनाव, अनियमित जीवनशैली और गलत खानपान के चलते हृदय रोग और कोलेस्ट्रॉल की समस्या अब आम हो गई है। डॉक्टर्स और विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित योगाभ्यास से न केवल इन बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि इन्हें जड़ से समाप्त भी किया जा सकता है। योग में ऐसे कई आसन हैं जो हृदय को स्वस्थ रखते हैं और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं इन तीन प्रमुख योगासनों के बारे में।
1. कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम को पेट और श्वसन तंत्र के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है। यह प्राणायाम हृदय को मजबूती प्रदान करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इसे सुबह खाली पेट करने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आती है और रक्त संचार बेहतर होता है।
कैसे करें:
- एक आरामदायक मुद्रा में बैठें और अपनी रीढ़ सीधी रखें।
- गहरी सांस लें और फिर तेजी से सांस छोड़ें।
- इसे 10 मिनट तक दोहराएं।
2. वृक्षासन (ट्री पोज़)
वृक्षासन हृदय के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। यह मुद्रा शरीर में संतुलन बनाती है और मांसपेशियों को मजबूत करती है। नियमित अभ्यास से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है, जो हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है।
कैसे करें:
- सीधे खड़े हों और एक पैर को मोड़कर दूसरे पैर की जांघ पर रखें।
- हाथों को ऊपर उठाकर नमस्कार की मुद्रा में जोड़ें।
- संतुलन बनाए रखते हुए कुछ मिनट तक इस मुद्रा में रहें।
3. धनुरासन (बो पोज़)
धनुरासन पेट की चर्बी को कम करने और रक्त प्रवाह को सुधारने में सहायक है। यह आसन हृदय को सक्रिय रखता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
कैसे करें:
- पेट के बल लेट जाएं।
- अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और हाथों से पकड़ें।
- धीरे-धीरे शरीर को धनुष की तरह खींचें।
- 15-20 सेकंड तक रुकें और धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें।
योग के अन्य फायदे
विशेषज्ञों के अनुसार, इन योगासनों के साथ संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से हृदय संबंधी समस्याओं को रोका जा सकता है। दिनचर्या में ध्यान और प्राणायाम को शामिल करके मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है, जो हृदय रोग का एक बड़ा कारण है।
योग एक प्राकृतिक और प्रभावशाली तरीका है, जिससे शरीर और मन को स्वस्थ रखा जा सकता है। यदि आप हृदय रोग या कोलेस्ट्रॉल की समस्या से परेशान हैं, तो इन योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। हालांकि, किसी भी नए व्यायाम या योग अभ्यास को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें।