नई दिल्ली, 28 दिसंबर – भारत सरकार ने 1 जनवरी 2025 से राशन वितरण प्रणाली में बड़े बदलाव की घोषणा की है। इस नई योजना का उद्देश्य देश के गरीब और जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सुरक्षा और आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इसके तहत पात्र राशन कार्ड धारकों को मुफ्त राशन के साथ हर महीने ₹1000 की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
योजना का उद्देश्य और लाभ
नई राशन योजना 2025 का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लगभग 80 करोड़ लोगों तक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त, पात्र परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करना है।
योजना के प्रमुख बिंदु:
विवरण | जानकारी |
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योजना का नाम | राशन कार्ड नई योजना 2025 |
लागू होने की तिथि | 1 जनवरी 2025 |
लाभार्थी | पात्र राशन कार्ड धारक |
लाभ | मुफ्त राशन + ₹1000 प्रति माह |
योजना की अवधि | 1 जनवरी 2025 से 31 दिसंबर 2028 |
कुल खर्च | लगभग ₹11.8 लाख करोड़ |
लाभार्थियों की संख्या | लगभग 80 करोड़ लोग |
बदलाव और पात्रता मानदंड
नई योजना के तहत राशन की मात्रा और पात्रता मानदंडों में बदलाव किए गए हैं।
राशन वितरण में बदलाव:
- पहले: 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं।
- अब: 2.5 किलो चावल और 2 किलो गेहूं।
कुल राशन: 35 किलो की सीमा बरकरार है, लेकिन अब 18 किलो चावल और 17 किलो गेहूं मिलेगा।
पात्रता मानदंड:
- राशन कार्ड धारक होना अनिवार्य।
- वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में ₹2 लाख और शहरी क्षेत्रों में ₹3 लाख से कम होनी चाहिए।
- राशन कार्ड का ई-केवाईसी (e-KYC) पूरा होना चाहिए।
- लाभार्थी बीपीएल (BPL) या अंत्योदय अन्न योजना (AAY) कार्ड धारक होना चाहिए।
- परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए।
संपत्ति और वाहन स्वामित्व:
- शहरी क्षेत्रों में 100 वर्ग मीटर से बड़े फ्लैट या चार पहिया वाहन रखने वाले अपात्र माने जाएंगे।
- ग्रामीण क्षेत्रों में 100 वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट या ट्रैक्टर रखने वाले अपात्र होंगे।
ई-केवाईसी की अनिवार्यता
ई-केवाईसी को सभी राशन कार्ड धारकों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
- अंतिम तिथि: 31 दिसंबर 2024।
- समय पर ई-केवाईसी न कराने पर राशन कार्ड रद्द हो सकता है।
चुनौतियां और समाधान
संभावित चुनौतियां:
- ई-केवाईसी प्रक्रिया: सभी पात्र लाभार्थियों को समय पर ई-केवाईसी पूरा करना होगा।
- आवेदन प्रक्रिया: ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बनाए रखना जरूरी होगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता: योजना का लाभ उठाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी का प्रसार आवश्यक है।
सरकार की प्रतिबद्धता
भारत सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए ₹11.8 लाख करोड़ का बजट निर्धारित किया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राशन वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी और कुशल बने। इसके माध्यम से यह गारंटी दी जाएगी कि सहायता सही और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे।
1 जनवरी 2025 से लागू होने वाली यह योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुफ्त राशन और आर्थिक सहायता से न केवल उनकी दैनिक जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। हालांकि, योजना की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि सरकार और जनता इसके क्रियान्वयन में कितनी पारदर्शिता और तत्परता दिखाते हैं।