कोटा, राजस्थान: सरकारी सेवा में अपने बेहतरीन कार्यकाल के लिए मशहूर देवेंद्र संदल ने अपनी बीमार पत्नी दीपिका के साथ जीवन के अंतिम समय को बेहतर बनाने की उम्मीद में समय से तीन साल पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ली। लेकिन नियति ने उनकी खुशी को एक दुखद मोड़ दे दिया।
रिटायरमेंट पार्टी में हुई अनहोनी
कोटा के डकनिया स्थित सेंट्रल वेयरहाउस में बतौर मैनेजर सेवा देने वाले देवेंद्र ने अपने अंतिम कार्यदिवस पर विदाई समारोह का आयोजन किया। इस मौके पर उनकी पत्नी दीपिका भी शामिल हुईं। लंबे समय से बीमार दीपिका उस दिन बेहद खुश दिख रही थीं। दफ्तर के सहकर्मी और परिवारजन इस बात से आश्वस्त थे कि अब देवेंद्र अपनी पत्नी के साथ अधिक समय बिताकर उनका बेहतर ख्याल रख पाएंगे।
लेकिन पार्टी के दौरान एक अप्रत्याशित घटना घटी। दीपिका की अचानक तबीयत बिगड़ी और वह कुर्सी से गिर गईं। अफरा-तफरी के बीच उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह खबर सुनकर सभी स्तब्ध रह गए।
सपने चकनाचूर, अकेले रह गए देवेंद्र
देवेंद्र और दीपिका की शादी को कई साल हो चुके थे, लेकिन उनके कोई संतान नहीं थी। अपनी पत्नी की बीमारी और अकेलेपन को देखते हुए देवेंद्र ने उनके लिए रिटायरमेंट का निर्णय लिया था। कोटा शिफ्ट हुए उन्हें सिर्फ सात महीने हुए थे, और वह चाहते थे कि अपनी पत्नी के अंतिम दिनों को यादगार बना सकें। लेकिन इस दुखद घटना ने उनके जीवन के सारे सपनों को चकनाचूर कर दिया।
राजस्थान में एक सरकारी अधिकारी ने अपनी पत्नी की खातिर समय से पहले रिटायरमेंट लिया, ताकि उनके साथ जीवन के अंतिम समय बिताए जा सकें !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) December 25, 2024
["तीन साल पहले लिया रिटायरमेंट"
"फेयरवेल पार्टी में हुआ दुखद हादसा"]
मगर जीवन में कुछ और ही होना था। हालांकि तय प्लान के मुताबिक उन्होंने… pic.twitter.com/Ezh8oekMZB
सहकर्मियों और समाज में शोक की लहर
देवेंद्र के सहकर्मियों और जानने वालों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सभी ने उनकी पत्नी के प्रति उनके समर्पण और त्याग की सराहना की। हालांकि, यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि जीवन हमेशा हमारी योजनाओं के अनुसार नहीं चलता।
अब क्या?
अब अकेले रह गए देवेंद्र के जीवन में एक नया मोड़ आ गया है। उन्होंने अपनी पत्नी की देखभाल के लिए जो सपने देखे थे, वे अधूरे रह गए। समाज और करीबी लोगों से मिली सांत्वना के बावजूद, यह दर्द उनके जीवन में हमेशा एक खालीपन छोड़ जाएगा।
यह कहानी जीवन की अनिश्चितताओं और परिवार के महत्व की मार्मिक तस्वीर पेश करती है।