किशनगंज, बिहार (दिसंबर 2024): बिहार के किशनगंज में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश क्षेत्र प्रभारी राकेश कुमार गुप्ता की नई नवेली दुल्हन ईशा मोदक लाखों रुपये और गहने लेकर फरार हो गई। राकेश ने ईशा पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
क्या है पूरा मामला?
राकेश कुमार गुप्ता (35) ने 19 अप्रैल 2024 को 23 वर्षीय ईशा मोदक से कोर्ट में शादी की थी। बाद में दोनों ने मंदिर में भी शादी की रस्में निभाईं और 10 मई को एक भव्य शादी पार्टी का आयोजन किया। लेकिन राकेश के मुताबिक, शादी के बाद ईशा ज्यादातर समय अपने मायके में रहती थी।
पैसों का खेल और विश्वासघात
राकेश ने आरोप लगाया कि उन्होंने शादी के बाद ईशा और उसके परिवार को 30-35 लाख रुपये और कीमती गहने दिए। 3 दिसंबर को भी उन्होंने ईशा को पांच लाख रुपये दिए थे, जो उनके बिजनेस पार्टनर राहुल को लौटाने थे। लेकिन 6 दिसंबर को ईशा "डॉक्टर को दिखाने" सिलीगुड़ी गई और उसके बाद से गायब हो गई।
राकेश का दावा है कि ईशा ने केवल उन्हें ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के एक अन्य युवक को भी धोखा दिया था। ईशा पर आरोप है कि उसने पहले उस युवक को 9 महीने तक ठगा और बाद में शादी नहीं की।
बिहार में BJP नेता को ही 'चूना' लगा गई नई नवेली दुल्हन, '35 लाख' वाली बात जान पकड़ लेंगे माथा !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) December 12, 2024
किशनगंज में बीजेपी नेता राकेश कुमार गुप्ता की नई नवेली दुल्हन ईशा मोदक लाखों रुपये और गहने लेकर फरार हो गई। राकेश ने ईशा से इसी साल अप्रैल में शादी की थी। शादी के बाद से ही ईशा अपने… pic.twitter.com/t4YN7BjKfn
ईशा की मां ने खारिज किए आरोप
ईशा की मां ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि राकेश और ईशा की सिर्फ सगाई हुई थी, शादी नहीं। उन्होंने रुपये लेने और गहने चुराने के आरोपों को भी खारिज किया।
ईशा की मां के अनुसार, ईशा 6 दिसंबर को सिलीगुड़ी डॉक्टर को दिखाने गई थी। लेकिन वहां से वापस आने के बाद वह लापता हो गई।
पुलिस जांच जारी
राकेश ने 7 दिसंबर को आदर्श थाना में शिकायत दर्ज कराई थी और 10 दिसंबर को किशनगंज एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। एसपी ने जांच का आश्वासन देते हुए दो दिन का समय मांगा है।
यह मामला अब पुलिस की जांच के अधीन है। राकेश और उनके परिवार को न्याय की उम्मीद है, जबकि ईशा और उसके परिवार पर लगे आरोपों की सच्चाई सामने आने का इंतजार है।
यह घटना बिहार में धोखाधड़ी और विश्वासघात से जुड़े मामलों की ओर ध्यान आकर्षित करती है और यह सवाल खड़ा करती है कि शादी जैसे पवित्र बंधन में भरोसे का हनन किस हद तक संभव है।