इस्लामाबाद: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की एक 15 वर्षीय लड़की, रीना मेघवार, के साथ हुए कथित अत्याचार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश और बहस को जन्म दिया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में रीना रोते हुए मदद की गुहार लगाती नजर आ रही है। वीडियो में वह अपने घर वापस जाने की अपील करती है और बताती है कि कैसे उसका अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और फिर उसके अपहरणकर्ता के साथ शादी करवा दी गई।
यह घटना पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लड़कियों के प्रति हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों का ताजा उदाहरण है। ऐसी घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन रीना का दर्द भरा वीडियो और उसकी मदद की पुकार ने एक बार फिर इस गंभीर मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है।
वह रो रही है, मदद मांग रही है, अपने घर जाना चाहती है !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) December 2, 2024
हाँ वही रीना मेघवार है, जिसका हाल ही में अपहरण किया गया, जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और पाकिस्तान में उसके अपहरणकर्ता से उसकी शादी करा दी गई।
नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने हिंदू लड़कियों के खिलाफ इस तरह के… pic.twitter.com/bgYQlhFQCy
मलाला और संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी पर सवाल
इस मामले को लेकर कई लोगों ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। मलाला, जो महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए जानी जाती हैं, ने इस विषय पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है। आलोचकों का कहना है कि मलाला और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थान, जैसे संयुक्त राष्ट्र, अल्पसंख्यक हिंदू लड़कियों के साथ होने वाले इन अत्याचारों पर ध्यान नहीं देते।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का सवाल
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय, खासतौर पर हिंदू और ईसाई, लंबे समय से धार्मिक उत्पीड़न और भेदभाव का सामना कर रहे हैं। सिंध प्रांत, जहां हिंदू समुदाय की आबादी अधिक है, अक्सर जबरन धर्म परिवर्तन और नाबालिग लड़कियों की शादी के मामलों के लिए बदनाम रहा है।
अधिकार कार्यकर्ताओं का दावा है कि हर साल सैकड़ों हिंदू लड़कियों को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है, और ऐसे मामलों में दोषियों को शायद ही कभी सजा मिलती है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
रीना मेघवार के वीडियो ने सोशल मीडिया पर भारी प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। कई लोगों ने पाकिस्तान सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है और रीना को उसके परिवार के पास सुरक्षित लौटाने की अपील की है।
भारत समेत कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी इस घटना पर चिंता जताई है और पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचारों पर ठोस कदम उठाने की मांग की है।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब देखने वाली बात यह होगी कि पाकिस्तान सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या रीना मेघवार को न्याय मिलेगा।
यह घटना सिर्फ एक लड़की की कहानी नहीं है, बल्कि अल्पसंख्यकों के लिए न्याय और सुरक्षा की एक बड़ी लड़ाई का प्रतीक है।