सागर जिले के बांदरी थाना क्षेत्र में स्थित रामसखा आश्रम के बाबा ओंकार मिश्रा (नाथेश्वर धाम सरकार) पर एक महिला ने रेप का मामला दर्ज कराया है। दो दिन पहले महिला ने एसपी ऑफिस में शिकायत की थी, जिसके बाद पुलिस ने बाबा के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
महिला के आरोप
पीड़िता ने बताया कि बाबा ने उसका शारीरिक शोषण किया और विरोध करने पर उसे तांत्रिक क्रियाओं और जान से मारने की धमकी दी। महिला ने कहा कि बाबा ने वीडियो कॉल पर आपत्तिजनक हरकतें कीं और घर आकर भी उसे परेशान किया।
घटना के विवरण में महिला ने कहा कि बाबा ने उसे कमरे में अकेले बुलाकर मिर्ची अभिमंत्रित करने का बहाना बनाया। कमरे में धुआं उठने के बाद वह बेहोश हो गई और होश आने पर उसने खुद को असुरक्षित महसूस किया। महिला का कहना है कि बाबा ने उसे धमकाकर चुप रहने के लिए मजबूर किया और कई बार आश्रम में और घर पर उसका शारीरिक शोषण किया।
MP के सागर में बाबा नाथेश्वर धाम सरकार के खिलाफ़ एक महिला ने रेप का मामला दर्ज कराया है।
— Lokmanchtoday (@lokmanchtoday) December 25, 2024
महिला का आरोप है कि झाड़फूंक के बहाने बाबा ने बेहोश कर उनकी अश्लील फोटो बनाई, उसके पति और सोशल मीडिया पर वायरल करने कि धमकी देकर एक साल से रेप कर रहा था. pic.twitter.com/m1HyKV5C9d
पुलिस कार्रवाई
बांदरी थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह बुदेला ने बताया कि महिला की शिकायत पर बाबा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिक जांच में पाया गया कि बाबा पिछले एक साल से महिला को ब्लैकमेल कर रहा था। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया है और बाबा की तलाश जारी है।
बाबा का बचाव
घटना के बीच बाबा ओंकार मिश्रा का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महिला पहले भी कई लोगों पर ऐसे आरोप लगा चुकी है। बाबा ने अपने बयान में खुद को निर्दोष बताया है।
आश्रम और बाबा की गतिविधियां
रामसखा आश्रम में बाबा हर मंगलवार को दिव्य दरबार लगाते थे और लोगों की समस्याओं का समाधान करने का दावा करते थे। उनके आश्रम में धार्मिक आयोजन और मेलों का आयोजन भी किया जाता था।
समाज में बढ़ती चिंताएं
यह घटना धार्मिक आस्था और आडंबरों के आड़ में महिलाओं के शोषण के गंभीर मामलों को उजागर करती है। पुलिस से उम्मीद की जा रही है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच करेगी और दोषी को सजा दिलाएगी।
आश्रम जैसे स्थानों में लोगों की सुरक्षा और उनके विश्वास की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर अब जोर दिया जा रहा है।