नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने अपने सभी प्रवक्ताओं, जिनमें उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के प्रवक्ता शामिल हैं, को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब पार्टी प्रवक्ता कमल गौतम ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर दिए गए बयान की आलोचना की थी।
कमल गौतम ने तीन दिन पहले गृह मंत्री के बयान की तीखी आलोचना करते हुए उसे "असंवेदनशील और विचारधारा विरोधी" बताया था। इसके बाद, पार्टी के सहयोगी दल होने के नाते RLD को सरकार और अन्य राजनीतिक हलकों में आलोचना का सामना करना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, RLD प्रमुख जयंत चौधरी के निर्देश पर यह बड़ा निर्णय लिया गया। पार्टी महासचिव त्रिलोक त्यागी की ओर से इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि सभी प्रवक्ताओं को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया गया है।
त्रिलोक त्यागी द्वारा जारी पत्र में कहा गया, "पार्टी की छवि और नीतियों के अनुरूप कार्य सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। नए प्रवक्ताओं की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी।"
विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला RLD और भाजपा के बीच सहयोगी संबंधों को मजबूत रखने के प्रयासों के तहत लिया गया है। हालिया घटनाक्रम ने पार्टी के अंदर और बाहर राजनीतिक समीकरणों को गरमा दिया है।
कमल गौतम ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैंने जो कहा, वह पार्टी की मूल विचारधारा और डॉ. अंबेडकर के प्रति मेरे सम्मान के तहत था। अगर यह पार्टी को स्वीकार्य नहीं है, तो यह उनका निर्णय है।"
यह घटनाक्रम RLD के अंदर विचारधारा और राजनीतिक रणनीति को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। वहीं, विपक्ष ने इस कदम को "लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन" बताते हुए RLD पर निशाना साधा है।
आगामी दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस विवाद से कैसे उबरती है और अपने प्रवक्ताओं के चयन में क्या बदलाव करती है।