अमरोहा, उत्तर प्रदेश: देहरी खुर्रम गांव में एक विवादित मामला प्रकाश में आया है, जिसमें ग्रामीणों ने भारतीय डिग्री कॉलेज की स्थापना के लिए अपनी कृषि भूमि पर फर्जी बैनामा के जरिए कब्जे का आरोप लगाया है। यह मामला बीरबल सिंह और जगदीश सिंह समेत उनके परिजनों द्वारा उठाया गया, जिन्होंने विपक्षीगण मुकेश यादव और मोहम्मद मेराजुल हसन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
क्या है मामला?
पीड़ितों का कहना है कि उनकी कृषि भूमि, जिसका खसरा नंबर 04 और क्षेत्रफल 1.125 हेक्टेयर है, संयुक्त रूप से उनकी संपत्ति रही है। बीरबल सिंह और जगदीश सिंह ने अपनी भांजी की शादी के लिए तेजपाल यादव से कर्ज लिया था। इस कर्ज की संतुष्टि के लिए उन्होंने तेजपाल के साथ एक इकरारनामा किया, जो एक साल की अवधि के लिए था।
पीड़ितों ने दावा किया कि उन्होंने मूलधन और ब्याज दोनों चुका दिए, लेकिन इकरारनामा खारिज कराने की बात को तेजपाल ने यह कहकर टाल दिया कि उसकी अवधि समाप्त हो चुकी है और कोई अन्य कार्रवाई आवश्यक नहीं है।
फर्जी बैनामे का आरोप
पीड़ितों का आरोप है कि तेजपाल यादव और उनके पुत्र मुकेश यादव ने उनकी कृषि भूमि को फर्जी बैनामा के जरिए हड़प लिया। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी और सहमति के बिना 7 मार्च 2007 और 25 मई 2007 को बैनामे तैयार कराए गए।
इन दस्तावेजों पर उनके स्थान पर अन्य व्यक्तियों को प्रस्तुत किया गया, और उनके हस्ताक्षर व फोटो को फर्जी तरीके से तैयार किया गया।
भूमि का हस्तांतरण और जबरन कब्जा
आरोप है कि फर्जी बैनामे के आधार पर यह भूमि मोहम्मद मेराजुल हसन के नाम कर दी गई। इसके बाद, मेराजुल हसन ने पुलिस और प्रशासन की मदद से जबरन इस भूमि पर कब्जा कर लिया और निर्माण कार्य शुरू कर दिया।
पीड़ितों ने विरोध किया और पंचायत का सहारा लिया, लेकिन आश्वासन के बावजूद जमीन पूरी तरह नहीं लौटाई गई।
ग्रामवासियों में रोष
गांव के अन्य निवासियों ने भी इस घटना पर नाराजगी व्यक्त की है। नानक नंगली, उमरी कला, जमनिया और अन्य गांवों के लोग पीड़ित परिवार के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुकेश यादव और मेराजुल हसन दबंग प्रवृत्ति के लोग हैं और ग्रामीणों को धमकाते रहते हैं।
पीड़ित परिवार ने इस पूरे मामले की गहन जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि उनकी कृषि भूमि को वापस दिलाया जाए और अवैध निर्माण को रोका जाए।
पीड़ित परिवार इससे पहले पीड़ित उप जिलाधिकारी नौगावां, जिला अधिकारी अमरोहा, डीआईजी मुरादाबाद सहित मुख्यमंत्री दरबार में भी गुहार लगा चुका है। आरोपी मुकेश यादव व मुहम्मद मेराजुल हसन दबंग होने के कारण गरीब बुजुर्गों को 5 साल तक में न्याय नहीं मिला।