मिर्जापुर में भाजपा और अपना दल के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है। आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपना दल के एक कार्यकर्ता को बेरहमी से पीटा और उसके बाद उसकी बेटी को उठा ले जाने की धमकी दी। घटना के 24 घंटे बीत जाने के बावजूद न तो कोई एफआईआर दर्ज की गई, न ही घायल व्यक्ति का मेडिकल कराया गया।
घायल की स्थिति बेहद गंभीर
घायल अपना दल कार्यकर्ता, जो पटेल समुदाय से हैं, 24 घंटे से अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि न तो उनका सही से इलाज हुआ है और न ही खून से सने कपड़े बदले गए हैं। पीड़ित का कहना है कि जब उसने पुलिस के पास जाने की बात की, तो आरोपियों ने धमकी दी कि अगर ऐसा किया, तो उनकी बेटी को उठा ले जाएंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने दी तीखी प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अनुप्रिया पटेल ने अस्पताल पहुंचकर घायल व्यक्ति का हालचाल लिया। उन्होंने मौके पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अधिकारियों की जमकर फटकार लगाई। अनुप्रिया ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "24 घंटे बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्या यही है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति? गुंडागर्दी और जातिगत भेदभाव पर कब तक मौन रहेंगी प्रशासनिक संस्थाएं?"
जातिगत भेदभाव का आरोप
घटना को लेकर विवाद और गहरा गया है, क्योंकि दबंग भाजपा कार्यकर्ताओं का संबंध उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के समुदाय से बताया जा रहा है। यह सवाल उठ रहा है कि क्या जातिगत आधार पर कानून का पालन किया जा रहा है।
न्याय की मांग
अपना दल के समर्थकों और पीड़ित के परिवार ने घटना की निष्पक्ष जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। इस घटना से क्षेत्र में तनाव का माहौल है, और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है।
घटना ने न केवल कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति की साख पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।