कोलकाता – बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और हाल ही में बांग्लादेश के एक पूर्व सैन्य अधिकारी द्वारा कोलकाता पर आक्रमण की धमकी के बाद, पश्चिम बंगाल की राजनीति में सुरक्षा को लेकर बहस तेज हो गई है। भाजपा नेता और बैरकपुर के पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने रविवार को बयान दिया कि लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए हर घर में हथियार और तलवारें रखनी चाहिए।
अर्जुन सिंह ने यह टिप्पणी जगदल के कौगाछी में भाजपा के सदस्यता अभियान के दौरान की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि बंगाल को सतर्क रहने की आवश्यकता है। सिंह ने कहा, "कोलकाता पर आक्रमण की धमकी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। बांग्लादेश में जिस तरह के हालात हैं, वही हालात बंगाल में भी हो सकते हैं। बंगाल में घुसपैठियों की संख्या बढ़ती जा रही है और यह भविष्य में राज्य के लिए खतरनाक हो सकता है।"
उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों पर हमला करते हुए कहा कि बंगाल में विकास अवरुद्ध हो गया है। "शराब, जुआ, और ड्रग्स के ठेके हर जगह खुल गए हैं। कारोबारियों को धंधा करने के लिए रंगदारी देनी पड़ रही है।" अर्जुन सिंह ने जनता से भाजपा से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि "भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और सनातन धर्म की रक्षा के लिए यह जरूरी है।"
The Ex-army personnel and some Jamiat leaders in #Bangladesh are claiming that they can capture Kolkata in 4 days.
— Arjun Singh (@ArjunsinghWB) December 8, 2024
We shouldn’t take this threat casually because the way, demographic changes have taken place in bordering districts in the past decade, it is very alarming.
To… pic.twitter.com/vJtNtwbP4u
सिंह ने बांग्लादेश से जुड़े हालिया घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि बंगाल में "जिहादियों" की सक्रियता बढ़ रही है। उन्होंने दावा किया, "बांग्लादेशी सेना से ज़्यादा डर उन जिहादियों का है, जो पहले ही बंगाल में घुस चुके हैं। जिस दिन वे खुलकर सामने आएंगे, जनता को खतरे का एहसास होगा।"
उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री घुसपैठियों पर सख्ती के बजाय उनका समर्थन कर रही हैं। "ममता बनर्जी कहती हैं कि दूध देने वाली गाय को भी लात खानी पड़ती है। यह बयान उनकी नीति का प्रतीक है, जिसमें घुसपैठियों को बढ़ावा मिलता है।"
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
अर्जुन सिंह के इस बयान ने बंगाल में सुरक्षा और सांप्रदायिक स्थिति पर बहस छेड़ दी है। राजनीतिक विशेषज्ञ इसे भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जबकि विपक्ष ने इसे समाज में डर और विभाजन फैलाने वाला बयान करार दिया है।
सामाजिक संगठनों ने सिंह के बयान पर चिंता जताते हुए कहा है कि इस तरह की बातें समाज में हिंसा को बढ़ावा दे सकती हैं। वहीं, भाजपा समर्थकों का कहना है कि यह बयान लोगों को सतर्क रहने के लिए है और इसे संदर्भ से बाहर नहीं लिया जाना चाहिए।
यह बयान ऐसे समय आया है जब बंगाल में राजनीतिक तापमान पहले से ही गर्म है और बांग्लादेश से जुड़ी घटनाएं सीमा क्षेत्रों में तनाव बढ़ा रही हैं। आगे यह देखना होगा कि राज्य और केंद्र सरकार इन चिंताओं पर क्या कदम उठाती हैं।