IAS की तैयारी कर रही एक युवती ने अपने साथी के खिलाफ शारीरिक शोषण, झूठे शादी के वादों और जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। युवती ने दीपक बिष्ट पर भावनात्मक और शारीरिक शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उसने यह भी कहा कि शादी का वादा कर दीपक ने उसे धोखा दिया और बाद में उसकी जाति को लेकर उसे ठुकरा दिया।
घटना का क्रम
युवती ने बताया कि उसकी मुलाकात दीपक से एक साझा संपर्क के जरिए हुई थी और धीरे-धीरे उनके बीच शादी की बातचीत शुरू हुई। दीपक ने उससे मुलाकात के लिए कई बार अलग-अलग जगह बुलाया, जिनमें सूरजकुंड पार्क भी शामिल है, जहां शादी की बात करने के लिए उन्होंने लगभग एक घंटा साथ बिताया।
24 जून को, दीपक ने उसे मेडिकल क्षेत्र के पास स्थित एक होटल में बुलाया। युवती के अनुसार, दीपक ने वहां शादी का वादा करते हुए कहा, "मैंने तुझे अपनी पत्नी मान लिया है।" इसी आधार पर दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने।
जुलाई में, दीपक ने उसे फिर से शेरगढ़ी बुलाया और वहां भी शादी की बात करने के बहाने शारीरिक संबंध बनाए। जब युवती दीपक के परिवार से मिली, तो उसकी मां ने शादी से इनकार करते हुए कहा, "तू हमारी कास्ट की नहीं है, तू चमार है, हम ठाकुर।"
धोखे और जातिगत भेदभाव का आरोप
युवती का आरोप है कि इन मुलाकातों के बाद दीपक ने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी और साफ कहा कि वह उससे शादी नहीं कर सकता क्योंकि वह दलित है। दीपक ने कथित तौर पर कहा, "जो मुझे चाहिए था वो मिल गया, अब मैं तुझसे शादी नहीं करूंगा।" युवती का दावा है कि दीपक के चाचा ने भी उसे इस रिश्ते को भूल जाने की सलाह दी।
पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप
युवती ने बताया कि उसने स्थानीय पुलिस और SSP ऑफिस में कई बार आवेदन दिए—18 जून, 21 जून, 25 जून, 30 जून और 8 अगस्त को—लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस ने जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।
कानूनी और सामाजिक प्रभाव
यह मामला जातिगत भेदभाव और झूठे शादी के वादों के जरिए महिलाओं के शोषण से जुड़ी गंभीर समस्याओं को उजागर करता है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम और यौन शोषण से संबंधित अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई हो सकती है।
न्याय की मांग
पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाई है और अधिकारियों से उसकी शिकायत को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस मामले में जिम्मेदारी तय करने की मांग की है और जातिगत भेदभाव और महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
जांच जारी है, और यह मामला महिलाओं, खासतौर पर हाशिए पर खड़ी समुदायों से आने वाली महिलाओं की न्याय की लड़ाई की कठिनाईयों को उजागर करता है।
इस मामले में जैसे ही नए तथ्य सामने आएंगे, हम आपको अपडेट देंगे।