कोरबा, छत्तीसगढ़। पाली थाना अंतर्गत ग्राम रामाकछार में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने कथित तांत्रिक दिलीप यादव को गिरफ्तार किया है, जिसने अपनी मां सुमरिया बाई की निर्मम हत्या कर तांत्रिक सिद्धि प्राप्त करने की कोशिश की। दिलीप ने मां का सिर कुल्हाड़ी से काटकर देवी पर चढ़ाया और उसके खून को पीने के बाद कई दिनों तक शव के टुकड़ों को कच्चा और भूनकर खाया।
हत्या और अंधविश्वास की कहानी
31 दिसंबर की सुबह करीब 10:30 बजे दिलीप ने अपनी मां के गले पर कुल्हाड़ी से वार कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। उसने खून पीने के बाद सिर को अपने पूजा स्थल पर देवता के रूप में चढ़ा दिया और मां के शरीर के टुकड़ों को काटकर तीन दिनों तक खाता रहा।
पुलिस ने जब यह मामला उजागर किया, तो दिलीप घर से फरार हो गया था। चार जनवरी को महिला ग्रामीण द्वारा पुलिस को सूचना मिलने पर मामले की जांच शुरू हुई। पुलिस को दिलीप के घर में खून के छींटे और तांत्रिक गतिविधियों के संकेत मिले।
जंगल में भागकर की छिपने की कोशिश
हत्या के बाद दिलीप जंगल में भाग गया, जहां उसने कई दिनों तक कंदमूल खाकर अपना गुजारा किया। हालांकि, उसे यह डर सताने लगा कि पुलिस उसे जल्द पकड़ लेगी। अंततः वह अपने रिश्तेदार के घर ग्राम रोदे पहुंचा, जहां से भोजन करने के बाद भागने की योजना बना रहा था। इससे पहले कि वह फरार होता, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
पूछताछ के दौरान दिलीप ने अपने खौफनाक अपराध को स्वीकार किया। उसने बताया कि तांत्रिक सिद्धि प्राप्त करने के लिए उसने अपनी मां की बलि दी। दिलीप का कहना था कि वह देवी की पूजा-अर्चना करता था और तांत्रिक शक्तियां हासिल करने के लिए उसने यह क्रूर कदम उठाया।
मामले में कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाने) के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल, आरोपी को हिरासत में रखा गया है और न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया चल रही है।
संदेश: अंधविश्वास से सावधान रहने की जरूरत
यह घटना समाज के सामने अंधविश्वास और तांत्रिक गतिविधियों के खतरनाक परिणामों को उजागर करती है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अंधविश्वास के चंगुल में न फंसे और समाज में जागरूकता फैलाने में सहयोग करें।