लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने न केवल लगाए गए आरोपों को खारिज किया, बल्कि ठेकेदार को गाली-गलौच करते हुए “जूता-जूता मारने” की धमकी भी दी।
यह घटना मंगलवार को तब हुई जब मंत्री जी से एक सरकारी परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोपों पर सवाल किया गया। राजभर ने पहले तो आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि यह सब उनके खिलाफ साजिश है। लेकिन मामला तब गरमा गया जब उन्होंने एक ठेकेदार पर अपना गुस्सा जाहिर किया। सार्वजनिक रूप से अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उन्होंने ठेकेदार को जूते से मारने की धमकी दे डाली।
कार्यक्रम के दौरान जब पत्रकारों ने उनसे परियोजना में अनियमितताओं के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी। राजभर ने कहा, “यह सब झूठे आरोप हैं। मेरे खिलाफ बेबुनियाद बातें फैलाई जा रही हैं।” हालांकि, इसके तुरंत बाद उनका गुस्सा ठेकेदार पर फूट पड़ा। उन्होंने कहा, “ऐसे ठेकेदारों को तो जूते से मारना चाहिए।”
मंत्री के इस बयान पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने इसे “सत्ता का घमंड” बताते हुए कहा कि एक मंत्री का इस तरह का बयान न केवल असंवैधानिक है, बल्कि अशोभनीय भी है। कांग्रेस ने भी राजभर से माफी मांगने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बिगड़े बोल, पत्रकार से संवाद करते हुए आरोपों को खारिज किया और ठेकेदार को गाली देकर दी जूता-जूता मारने की धमकी.. pic.twitter.com/9w4pHeIn9D
— Nitin Prajapati (@Prajapat204) December 27, 2024
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी हलचल मच गई है। लोग मंत्री के इस रवैये की आलोचना कर रहे हैं। एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने लिखा, “क्या यह हमारे जनप्रतिनिधियों का सही आचरण है?” वहीं, कुछ लोगों ने इसे राजभर के बेबाक अंदाज का हिस्सा बताया।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि सरकार मंत्री के बयान को लेकर आंतरिक चर्चा कर रही है।
उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां तेज हैं, और ऐसे में सत्ताधारी पार्टी के मंत्री के इस तरह के विवादित बयान विपक्ष को हमला करने का मौका दे सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले पर सरकार और मंत्री राजभर क्या रुख अपनाते हैं।