संभल— ऐतिहासिक धरोहरों की पहचान रखने वाले संभल जिले में एक और महत्वपूर्ण खोज हुई है। चंदौसी तहसील क्षेत्र के गणेशपुर इलाके में एक विशाल बावड़ी का पता चला है। यह बावड़ी 3 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली हुई बताई जा रही है, और इसे जिले की अब तक की सबसे बड़ी बावड़ी माना जा रहा है।
डीएम के निर्देश पर जांच शुरू
इस ऐतिहासिक खोज के बारे में सूचना मिलते ही जिला प्रशासन सक्रिय हो गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह बावड़ी अपनी बनावट और आकार में बेहद खास है और संभवतः कई शताब्दियों पुरानी है।
रानी की बावड़ी के बाद दूसरी बड़ी खोज
संभल जिले में इससे पहले रानी की बावड़ी का भी ऐतिहासिक महत्व रहा है। लेकिन गणेशपुर की यह बावड़ी आकार और क्षेत्रफल के मामले में उससे भी बड़ी बताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज जिले के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को और अधिक समृद्ध करेगी।
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⏩ संभल में रानी की बावड़ी के बाद एक और बावड़ी की खोज
⏩ 3 एकड़ से अधिक फैली हुई बताई जा रही विशाल बावड़ी
⏩ जिले की अब तक की सबसे बड़ी बावड़ी बताई जा रही
⏩ डीएम के निर्देश पर जांच के लिए पहुंचे तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह
⏩ चंदौसी तहसील इलाके में गणेशपुर की… pic.twitter.com/Ma23bSucK0
संरक्षण की आवश्यकता
स्थानीय निवासियों और इतिहासकारों ने इस बावड़ी के संरक्षण की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस बावड़ी को संरक्षित किया जाए तो यह न केवल जिले की धरोहर को संरक्षित करेगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। प्रशासन द्वारा बावड़ी के आसपास के क्षेत्र की सीमांकन और सुरक्षा सुनिश्चित करने की योजना बनाई जा रही है।
तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बावड़ी की विस्तृत जांच के लिए पुरातत्व विभाग को सूचित किया जाएगा। जल्द ही इस बावड़ी के ऐतिहासिक महत्व और इसके निर्माण काल का निर्धारण किया जाएगा। साथ ही, इसे राज्य की धरोहर सूची में शामिल करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
संभल जिले में इस तरह की खोज न केवल इतिहास प्रेमियों के लिए खुशी की बात है, बल्कि यह जिले की सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।