पुणे: बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी ने महाराष्ट्र में एक ताजा विवाद खड़ा कर दिया है। बीते शनिवार, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शहर की एक हरे रंग की दीवार को भगवा रंग में रंग दिया। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
मेधा कुलकर्णी का कहना है कि दीवार का हरा रंग जानबूझकर चुना गया था और यह एक “साजिश” का हिस्सा था। उन्होंने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़ते हुए कहा कि भगवा रंग इस क्षेत्र की संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है।
विपक्ष का हमला
इस घटना पर विपक्षी दलों ने बीजेपी और मेधा कुलकर्णी पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे "राजनीतिक ध्रुवीकरण" का प्रयास बताया और आरोप लगाया कि बीजेपी सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, “यह घटना यह दिखाती है कि बीजेपी को विकास के मुद्दों पर कोई दिलचस्पी नहीं है। वे केवल रंग और धर्म की राजनीति कर रहे हैं।”
बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी ने महाराष्ट्र में नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। मेधा कुलकर्णी ने बीते शनिवार पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शहर में एक हरे रंग की दीवार को भगवा रंग से पेंट कर दिया। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। भाजपा सांसद के इस कदम… pic.twitter.com/CfVqT97xyi
— कलम की चोट (@kalamkeechot) December 31, 2024
एनसीपी ने भी इस कदम की आलोचना की। पार्टी नेता ने इसे "असहिष्णुता" और "सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला कदम" करार दिया।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
इस घटना ने शहरवासियों को भी दो धड़ों में बांट दिया है। कुछ लोग मेधा कुलकर्णी के समर्थन में हैं और इसे “संस्कृति की रक्षा का प्रयास” मानते हैं, जबकि कई लोग इसे अनावश्यक विवाद पैदा करने की कोशिश बता रहे हैं।
प्रशासन की स्थिति
स्थानीय प्रशासन ने दीवार रंगने की इस घटना पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, इस घटना के बाद शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक तनाव न पैदा हो।
मेधा कुलकर्णी के इस कदम ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी और विपक्षी दल इस मुद्दे को कैसे आगे बढ़ाते हैं।