संभल, उत्तर प्रदेश: संभल से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां खुदाई के दौरान मां पार्वती की प्राचीन मूर्ति मिलने की सूचना ने पूरे इलाके में सनसनी और आस्था का माहौल पैदा कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह मूर्ति एक पुराने मंदिर के क्षेत्र में मिली है, जिसे लंबे समय से अतिक्रमण कर ढक दिया गया था।
खुदाई के दौरान प्रकट हुई मूर्ति
स्थानीय निवासियों के अनुसार, क्षेत्र में खुदाई का काम चल रहा था, तभी जमीन के नीचे दबा एक प्राचीन कुआं और मां पार्वती की मूर्ति दिखाई दी। जैसे ही यह खबर फैली, आसपास के लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचने लगे।
पुराने मंदिर की निशानियां भी मिलीं
खुदाई के दौरान केवल मूर्ति ही नहीं, बल्कि मंदिर से जुड़े अन्य प्राचीन अवशेष भी मिले हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह स्थल कभी एक प्रसिद्ध मंदिर था, जो समय के साथ अतिक्रमण और उपेक्षा का शिकार हो गया।
श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी
खबर के फैलते ही क्षेत्र में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने मौके पर पूजा-अर्चना शुरू कर दी और श्रद्धा व्यक्त करते हुए इसे देवी मां का चमत्कार बताया।
यूपी के संभल से इस वक्त की बड़ी खबर..!!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) December 16, 2024
बताया जा रहा है खुदाई में मिली मां पार्वती जी की मूर्ति...!!
संभल में पहले मिला मंदिर...अब मिली मूर्ति..!!
मंदिर के कुएं पर अतिक्रमण..खुदाई में निकले भगवन..!! pic.twitter.com/h89bOTpXJD
प्रशासन का हस्तक्षेप
स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में पुरातत्व विभाग को सूचित किया जाएगा ताकि मूर्ति और मंदिर के इतिहास का अध्ययन किया जा सके।
एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया:
"प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह स्थल ऐतिहासिक महत्व का हो सकता है। खुदाई का पूरा विवरण और यहां मिली मूर्तियों की प्रामाणिकता की पुष्टि पुरातत्व विशेषज्ञ करेंगे।"
क्षेत्र में उत्सव का माहौल
मूर्ति मिलने के बाद स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है। लोगों ने इस स्थल पर अस्थायी पूजा स्थल बनाकर दीप जलाए और प्रसाद चढ़ाना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने इसे मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग भी उठाई है।
संभल में मां पार्वती की मूर्ति मिलने की यह घटना लोगों के लिए धार्मिक आस्था का प्रतीक बन गई है। प्रशासन और पुरातत्व विभाग के सहयोग से अगर इस स्थल का सही संरक्षण और अध्ययन किया जाए, तो यह इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है।