नई दिल्ली: हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के नतीजे चौंकाने वाले हैं। इसमें दावा किया गया है कि 70 प्रतिशत लोग जब टीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा देखते हैं, तो वे चैनल बदल देते हैं। यह सर्वेक्षण राजनीतिक क्षेत्र और मीडिया के प्रभाव पर अध्ययन करने वाले प्रमुख संगठनों द्वारा किया गया है।
सर्वे का उद्देश्य और प्रक्रिया
इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह जानना था कि प्रधानमंत्री मोदी की टीवी पर मौजूदगी का जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है। सर्वे में विभिन्न आयु वर्ग, सामाजिक पृष्ठभूमि, और शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया गया। इस अध्ययन को समग्रता प्रदान करने के लिए लगभग 10,000 प्रतिभागियों से प्रतिक्रिया ली गई।
परिणाम और कारण
सर्वेक्षण में यह पाया गया कि 70 प्रतिशत लोग टीवी पर प्रधानमंत्री का चेहरा देखते ही चैनल बदलने का विकल्प चुनते हैं। इनमें से अधिकांश लोगों ने इसका कारण राजनीतिक थकावट, लगातार एक ही नेता का दिखना, और एकतरफा मीडिया कवरेज बताया।
एक प्रतिभागी ने कहा, “लगातार एक ही नेता को टीवी पर देखना उबाऊ हो जाता है। हमें विविधता चाहिए, न कि सिर्फ राजनीतिक भाषण।”
सर्वे बिलकुल ही गलत है!
— Ali Sohrab (@007AliSohrab) December 28, 2024
अगर ऐसा होता तो मोदी की अगुवाई में भाजपा चुनाव कैसे जीत रही है? pic.twitter.com/boOc3ar3qC
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह परिणाम बदलते सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण का संकेत हो सकता है। एक विशेषज्ञ ने कहा, “जनता का रुझान अब नई और विविध आवाजों की ओर बढ़ रहा है। बार-बार एक ही नेता को दिखाने से लोग ऊबने लगते हैं, जिससे मीडिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं।”
मीडिया की भूमिका पर सवाल
सर्वे ने मीडिया की रिपोर्टिंग शैली पर भी सवाल उठाए हैं। एकतरफा कवरेज और राजनीतिक नेताओं के बार-बार दिखने से जनता में थकावट महसूस हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि मीडिया को अधिक विविधतापूर्ण और संतुलित रिपोर्टिंग पर ध्यान देना चाहिए।
आगे की राह
यह सर्वेक्षण राजनीतिक दलों और मीडिया संगठनों के लिए एक चेतावनी हो सकता है कि जनता की बदलती प्राथमिकताओं और अपेक्षाओं को समझा जाए। लोगों की रुचि बनाए रखने के लिए नए दृष्टिकोण और संतुलित कवरेज की आवश्यकता है।
इस सर्वेक्षण के नतीजे न केवल राजनीतिक क्षेत्र बल्कि मीडिया की कार्यप्रणाली पर भी गहन प्रभाव डाल सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर नेता और मीडिया कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।