FSSAI का दावा: हल्दी हानिकारक? विशेषज्ञों ने जताई आपत्ति



खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के हालिया अध्ययन में हल्दी को लेकर चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। अध्ययन के अनुसार, हल्दी हड्डियों और दिमाग को कमजोर बना सकती है। इस दावे ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है और विशेषज्ञों ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई है।

FSSAI के इस अध्ययन में दावा किया गया है कि हल्दी में पाए जाने वाले कुछ तत्व हड्डियों के घनत्व को कम कर सकते हैं और दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, इस अध्ययन के परिणामों को लेकर कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं।

विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

देश के जाने-माने आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. [नाम] ने कहा, "हल्दी सदियों से आयुर्वेद में इस्तेमाल की जाती रही है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। FSSAI का यह दावा पूरी तरह से आधारहीन है।" उन्होंने कहा कि इस तरह के अध्ययन से लोगों में भ्रम पैदा होता है और वे हल्दी का सेवन करना बंद कर सकते हैं।

एक अन्य पोषण विशेषज्ञ ने कहा, "हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। यह शरीर में सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है। FSSAI के अध्ययन में इस तथ्य को नजरअंदाज किया गया है।"

FSSAI का पक्ष

FSSAI ने अपने अध्ययन का बचाव करते हुए कहा कि यह अध्ययन वैज्ञानिक तरीके से किया गया है और इसके परिणाम विश्वसनीय हैं। हालांकि, एजेंसी ने यह भी स्वीकार किया है कि इस मुद्दे पर और अधिक शोध की आवश्यकता है।

विवाद का कारण

FSSAI के इस दावे ने हल्दी के स्वास्थ्य लाभों को लेकर चल रहे विवाद को और गहरा कर दिया है। एक ओर जहां हल्दी को कई बीमारियों के इलाज में कारगर माना जाता है, वहीं दूसरी ओर कुछ अध्ययनों में इसके संभावित दुष्प्रभावों के बारे में भी बात की गई है।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

INNER POST ADS

Follow Us