मुंडन संस्कार: सिर्फ एक रस्म नहीं, जानें इसके पीछे का विज्ञान और धर्म

 

मुंडन संस्कार हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण संस्कार है जो बच्चे के जन्म के कुछ महीनों या वर्षों के बाद किया जाता है। इस संस्कार में बच्चे के सिर के बाल मुंडन कर दिए जाते हैं।

मुंडन संस्कार का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व है।

धार्मिक महत्व:

पापों से मुक्ति: हिंदू धर्म में मान्यता है कि मुंडन संस्कार से बच्चे के जन्म पूर्व के पापों और अशुद्धियों का नाश होता है।

बुद्धि और ज्ञान: यह भी माना जाता है कि मुंडन संस्कार से बच्चे की बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।

शुभ ग्रहों की दशा: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मुंडन संस्कार से बच्चे की कुंडली में शुभ ग्रहों की दशा मजबूत होती है।

वैज्ञानिक महत्व:

स्वास्थ्य लाभ: बच्चे के जन्म के बाद कुछ महीनों तक उसका सिर नाजुक होता है। मुंडन संस्कार से सिर की त्वचा साफ होती है और रक्त संचार बेहतर होता है।

मानसिक विकास: मुंडन संस्कार से बच्चे के सिर पर सूर्य की किरणें पड़ने से विटामिन डी का अवशोषण होता है, जो मानसिक विकास के लिए आवश्यक है।

तनाव कम होता है: मुंडन संस्कार से बच्चे के सिर पर मौजूद अतिरिक्त बाल हटा दिए जाते हैं, जिससे उसे गर्मी कम लगती है और तनाव कम होता है।

हरिद्वार के विद्वानों का मत:

हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित राम शर्मा जी का कहना है कि मुंडन संस्कार एक महत्वपूर्ण संस्कार है जिसका पालन सभी हिंदुओं को करना चाहिए।

"यह संस्कार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसके कई लाभ हैं।" उन्होंने कहा।

पंडित शर्मा जी ने यह भी सलाह दी कि मुंडन संस्कार किसी अनुभवी पंडित या ब्राह्मण द्वारा ही करवाना चाहिए।

निष्कर्ष:

मुंडन संस्कार हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण संस्कार है जिसका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व है। यह संस्कार न केवल बच्चे के जीवन में शुभता लाता है, बल्कि उसके स्वास्थ्य और विकास के लिए भी लाभदायक होता है।

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