मंकीपॉक्स का खतरा: जानिए इसके लक्षण, फैलाव और बचाव के उपाय

  

मंकीपॉक्स वायरस एक दुर्लभ लेकिन खतरनाक संक्रमण है, जो पिछले कुछ समय से दुनिया भर में चिंता का विषय बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे एक उभरती हुई स्वास्थ्य समस्या के रूप में पहचाना है, और यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में फैल रहा है जहां इसका पहले कभी नामोनिशान नहीं था। आइए जानते हैं कि मंकीपॉक्स वायरस क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, यह कैसे फैलता है, और इससे बचने के लिए क्या किया जा सकता है।

 मंकीपॉक्स वायरस क्या है?

मंकीपॉक्स वायरस एक जूनेटिक वायरस है, जिसका मतलब है कि यह जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह पॉक्सविरिडे परिवार से संबंधित है, जिसमें चेचक (स्मॉलपॉक्स) और काउपॉक्स वायरस भी शामिल हैं। मंकीपॉक्स वायरस पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था, जिससे इसका नाम मंकीपॉक्स पड़ा। हालांकि, यह वायरस मुख्य रूप से चूहे, गिलहरी और अन्य छोटे स्तनधारियों से फैलता है, और इसे इंसानों में संक्रमित होने के मामले 1970 के दशक में पहली बार दर्ज किए गए थे।

 मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण

मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 5 से 21 दिनों के बाद दिखाई देते हैं और यह लक्षण दो चरणों में होते हैं:

1. प्रारंभिक चरण: इसमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और थकान जैसे लक्षण शामिल होते हैं। कई मामलों में, रोगियों में लिम्फ नोड्स (लिम्फ ग्रंथियों) की सूजन भी देखी जाती है, जो चेचक से इसे अलग करने वाला एक प्रमुख लक्षण है।

2. दूसरा चरण: इसमें शरीर पर दाने और छाले निकल आते हैं। ये दाने चेहरा, हाथ, पैर और शरीर के अन्य हिस्सों पर होते हैं। ये छाले पहले तरल पदार्थ से भरे होते हैं, और बाद में सूखकर पपड़ी बन जाते हैं। यह चरण आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक चलता है।

 मंकीपॉक्स वायरस कैसे फैलता है?

मंकीपॉक्स वायरस मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से फैलता है, जैसे कि काटने, खरोंच, या संक्रमित जानवर के मांस के सेवन से। इसके अलावा, यह वायरस इंसान से इंसान में भी फैल सकता है, खासकर संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक संपर्क, उनके छालों के संपर्क, या उनकी श्वसन बूंदों के माध्यम से। संक्रमित वस्त्र, बिस्तर, या अन्य सामान का उपयोग भी संक्रमण का कारण बन सकता है।

 मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय

मंकीपॉक्स वायरस से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

1. संक्रमित जानवरों से बचाव: उन क्षेत्रों में जहां मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं, वहां जानवरों के संपर्क से बचना चाहिए। विशेष रूप से चूहों, गिलहरियों, और बंदरों से दूर रहें।

2. व्यक्तिगत स्वच्छता: नियमित रूप से हाथ धोना और सैनिटाइज़र का उपयोग करना संक्रमण से बचाव में मदद करता है। 

3. संक्रमित व्यक्तियों से दूरी: यदि किसी को मंकीपॉक्स के लक्षण दिखें, तो उससे दूरी बनाए रखें और उनके संपर्क में आने से बचें। 

4. स्वास्थ्य सेवाओं की सहायता: यदि आप मंकीपॉक्स के लक्षण महसूस करते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और आवश्यक जांच कराएं।

मंकीपॉक्स वायरस एक गंभीर लेकिन नियंत्रित करने योग्य रोग है, जिसके बारे में जागरूकता और सतर्कता की आवश्यकता है। यदि समय पर इसका पता लगाया जाए और उचित सावधानियां बरती जाएं, तो इस वायरस से बचाव संभव है। सरकार और स्वास्थ्य संगठनों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करके हम अपने और अपने परिवार को इस संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं। 

(रिपोर्ट: अंकिता शर्मा)

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