आज के समय में कई लोग शत्रुओं और प्रेत बाधाओं से परेशान रहते हैं। ऐसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए धार्मिक उपाय और मंत्र जाप को विशेष महत्व दिया जाता है। हनुमान जी, जिन्हें संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है, उनकी कृपा से इन समस्याओं का समाधान संभव है। धार्मिक ग्रंथों और विद्वानों के अनुसार, हनुमान जी के कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति पर आने वाले संकटों का निवारण होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
हनुमान जी की उपासना का महत्व
हनुमान जी को शक्ति, साहस, और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। वे भक्तों के हर प्रकार के संकट को दूर करते हैं। शत्रुओं और प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए उनकी आराधना अचूक मानी जाती है। हनुमान चालीसा का पाठ और विशेष मंत्रों का जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
ये हैं विशेष मंत्र
इन मंत्रों का जाप नियमित रूप से करने से शत्रुओं और प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिल सकती है:
हनुमान बीज मंत्र
"ॐ हनुमते नमः"
यह मंत्र व्यक्ति को आत्मबल प्रदान करता है और शत्रुओं को परास्त करने में सहायक है।हनुमान कवच मंत्र
"ॐ ऐं ह्रीं हनुमते, श्री राम दूताय नमः"
यह मंत्र प्रेत बाधाओं से रक्षा करता है और हर प्रकार के डर को दूर करता है।हनुमान गायत्री मंत्र
"ॐ आंजनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनुमान: प्रचोदयात्"
यह मंत्र शत्रुओं पर विजय दिलाने और मानसिक शांति के लिए अत्यंत प्रभावी है।
मंत्र जाप की विधि
- सुबह स्नान के बाद स्वच्छ स्थान पर हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएं।
- लाल फूल और सिंदूर अर्पित करें।
- अपनी मनोकामना को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त मंत्रों का जाप करें।
- जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। नियमित रूप से 21 या 40 दिनों तक यह प्रक्रिया अपनाएं।