साड़ी भारतीय परिधान संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय पहचान के रूप में देखा जाता है। लेकिन हाल ही में आई एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि साड़ी पहनने से कुछ विशेष प्रकार के कैंसर का खतरा हो सकता है। इस खुलासे ने कई लोगों को हैरान कर दिया है। आइए जानते हैं कि इस शोध में क्या जानकारी सामने आई है और इससे बचाव के उपाय क्या हो सकते हैं।
शोध में क्या आया सामने?
हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि लंबे समय तक साड़ी पहनने के कारण महिलाओं में त्वचा कैंसर के खतरे की संभावना बढ़ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि साड़ी की कसावट या विशेष क्षेत्रों पर दबाव पड़ने से त्वचा पर संक्रमण और घाव बनने का खतरा रहता है, जिसे ‘साड़ी कैंसर’ का नाम दिया गया है। यह विशेष रूप से उन महिलाओं में देखने को मिलता है, जो कमर के हिस्से पर साड़ी की पिन या कसी हुई नॉट को बार-बार उसी स्थान पर बांधती हैं। इससे त्वचा पर रगड़ का असर लंबे समय तक बना रहता है और घाव बनने की संभावना बढ़ जाती है।
कौन-से कैंसर का है खतरा?
इस रिसर्च के अनुसार, कमर के आसपास बार-बार साड़ी को कसकर बांधने से उस क्षेत्र की त्वचा पर दबाव पड़ता है, जिससे त्वचा में संक्रमण होने और कैंसर कोशिकाओं के बनने का खतरा बढ़ सकता है। शोध में यह भी पाया गया है कि इस प्रकार के कैंसर के मामले उन महिलाओं में अधिक देखने को मिलते हैं, जो लंबे समय से साड़ी पहन रही हैं और उसी तरह से इसे बांधने की आदत रखती हैं।
यह रिसर्च क्यों महत्वपूर्ण है?
साड़ी भारतीय परंपरा और जीवनशैली का अहम हिस्सा है, जिसे महिलाएं विशेष उत्सवों, त्योहारों, और रोज़मर्रा के जीवन में पहनती हैं। ऐसे में इस तरह के शोध से भारतीय महिलाओं के स्वास्थ्य पर एक गंभीर प्रश्न खड़ा होता है। डॉक्टरों और शोधकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकार की समस्या से जागरूकता और कुछ सावधानियों के साथ बचाव संभव है।
कैसे करें बचाव?
साड़ी बांधने का तरीका बदलें
साड़ी बांधते समय हर बार एक ही स्थान पर कसाव न रखें। इसे बदल-बदलकर बांधें ताकि त्वचा पर बार-बार एक ही स्थान पर दबाव न पड़े।
कमर पर पिन का उपयोग न करें
साड़ी को कमर पर पिन लगाने की बजाय, सुरक्षित तरीके से अलग से बांधें ताकि त्वचा पर सीधे दबाव न पड़े और संक्रमण की संभावना कम हो।
कपड़े की गुणवत्ता पर ध्यान दें
साड़ी के कपड़े की गुणवत्ता महत्वपूर्ण है। सिंथेटिक या कठोर कपड़े की बजाय कॉटन या मुलायम कपड़े की साड़ी पहनने का प्रयास करें, जिससे त्वचा को कम नुकसान हो।
त्वचा की देखभाल करें
कमर के हिस्से को रोजाना साफ रखें और मॉइस्चराइज़र लगाएं। यदि किसी प्रकार का घाव या संक्रमण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कभी-कभी साड़ी का विकल्प चुनें
यदि रोजाना साड़ी पहनना आपकी आदत है, तो कभी-कभी इसे बदलकर सलवार-कुर्ता या अन्य परिधान पहनने का प्रयास करें। इससे त्वचा को आराम मिलेगा और समस्या की संभावना कम होगी।