हर साल सर्दियों के आगमन के साथ ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो जाते हैं। इस दौरान भक्तों के मन में एक सवाल हमेशा उठता है कि आखिर भगवान शिव इस अवधि में कहां विराजमान होते हैं?
पौराणिक मान्यताएं
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को कैलाश पर्वत पर निवास करने वाला देवता माना जाता है। केदारनाथ धाम भी कैलाश पर्वत का एक हिस्सा माना जाता है। जब केदारनाथ के कपाट बंद हो जाते हैं, तो भगवान शिव अपने मूल निवास स्थान कैलाश पर्वत पर लौट जाते हैं।
स्थानीय मान्यताएं
स्थानीय लोगों के अनुसार, भगवान शिव केदारनाथ धाम के गर्भगृह में ही विराजमान रहते हैं। सर्दियों में जब यहां तापमान शून्य से नीचे चला जाता है, तब भगवान शिव एक विशेष प्रकार की समाधि में चले जाते हैं। इस समाधि में वे छह महीने तक रहते हैं और फिर वसंत ऋतु में जब कपाट खोले जाते हैं, तब वे पुनः अपने भक्तों के दर्शन के लिए प्रकट होते हैं।
धार्मिक अनुष्ठान
केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने से पहले कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इन अनुष्ठानों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना के साथ-साथ उनकी प्रतिमा को विशेष प्रकार के वस्त्रों से ढका जाता है। इसके बाद, कपाट को बंद कर दिया जाता है।
क्या है सच्चाई?
भगवान शिव के निवास स्थान को लेकर कई मान्यताएं हैं। इनमें से कौन सी मान्यता सही है, यह कहना मुश्किल है। यह पूरी तरह से व्यक्तिगत आस्था पर निर्भर करता है।