माता-पिता का दोस्त होना क्यों जरूरी है? बच्चों का भविष्य दांव पर!

  


यह एक आम धारणा है कि जो माता-पिता अपने बच्चों के दोस्त नहीं होते, उनके बच्चे अक्सर गलत रास्ते पर चले जाते हैं। क्या वाकई ऐसा है?

इस सवाल का कोई आसान जवाब नहीं है। कई कारक हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि कोई बच्चा किस रास्ते पर चलेगा, जैसे कि उसका स्वभाव, उसके दोस्त, और उसके आसपास का वातावरण।

हालांकि, कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जिन बच्चों के माता-पिता उनके साथ दोस्ताना और खुले संबंध रखते हैं, वे उन बच्चों की तुलना में कम जोखिम भरे व्यवहार में संलग्न होने की संभावना रखते हैं जिनके माता-पिता सख्त या दूर होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सहायक माता-पिता अपने बच्चों को विश्वास और आत्म-सम्मान विकसित करने में मदद करते हैं, जो उन्हें जीवन में चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर रूप से तैयार करता है।

इसके अतिरिक्त, जो माता-पिता अपने बच्चों के दोस्त होते हैं, वे उनके जीवन में अधिक शामिल होने की संभावना रखते हैं। इसका मतलब है कि वे जानते हैं कि उनके बच्चे क्या कर रहे हैं और वे उन्हें जोखिम भरे व्यवहार से दूर रखने में मदद कर सकते हैं।

बेशक, इसका मतलब यह नहीं है कि जो माता-पिता सख्त या अनुशासनात्मक होते हैं, वे अपने बच्चों से प्यार नहीं करते हैं। वास्तव में, कई बार कठोर होना ही बच्चों के लिए सबसे अच्छा होता है।

लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि माता-पिता अपने बच्चों के साथ खुले और ईमानदार रहें और उन्हें यह महसूस कराएं कि वे उनसे प्यार करते हैं और उनका समर्थन करते हैं। जब बच्चे अपने माता-पिता पर भरोसा करते हैं, तो वे उनसे मार्गदर्शन और सलाह लेने की अधिक संभावना रखते हैं, जिससे उन्हें सही रास्ते पर रहने में मदद मिल सकती है।

यह सच है कि जिन बच्चों के माता-पिता उनके साथ दोस्ताना संबंध रखते हैं, वे उन बच्चों की तुलना में कम जोखिम भरे व्यवहार में संलग्न होने की संभावना रखते हैं जिनके माता-पिता सख्त या दूर होते हैं।

हालांकि, यह एकमात्र कारक नहीं है जो यह निर्धारित करता है कि कोई बच्चा किस रास्ते पर चलेगा। माता-पिता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने बच्चों के साथ खुले और ईमानदार रहें, उन्हें प्यार और समर्थन दें, और उन्हें जिम्मेदार निर्णय लेने में मदद करें।

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