वास्तु शास्त्र भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दिशा और स्थान का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। घर में कूड़ा-कचरा रखने की दिशा भी इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि घर में कूड़ा-कचरा गलत दिशा में रखा जाए, तो यह आर्थिक समस्याओं और गरीबी का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं उन 2 दिशाओं के बारे में, जहां कूड़ा-कचरा रखना वास्तु शास्त्र के अनुसार हानिकारक हो सकता है।
1. उत्तर-पूर्व दिशा
उत्तर-पूर्व दिशा को वास्तु शास्त्र में ईशान कोण भी कहा जाता है। यह दिशा भगवान का निवास स्थान मानी जाती है और इसे पवित्र और शुभ दिशा माना जाता है। इस दिशा में कूड़ा-कचरा रखने से घर की सकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। उत्तर-पूर्व दिशा में कूड़ा रखने से घर में स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। इस दिशा को हमेशा साफ और स्वच्छ रखना चाहिए और यहां कूड़ा-कचरा बिल्कुल नहीं रखना चाहिए।
2. दक्षिण-पूर्व दिशा
दक्षिण-पूर्व दिशा को वास्तु शास्त्र में अग्नि कोण कहा जाता है। यह दिशा घर की आग्नि और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती है। इस दिशा में कूड़ा-कचरा रखने से घर में आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं। यह दिशा धन और समृद्धि की दिशा मानी जाती है और यहां कूड़ा रखने से आर्थिक नुकसान और व्यापार में हानि हो सकती है। दक्षिण-पूर्व दिशा में हमेशा स्वच्छता बनाए रखें और कूड़ा-कचरा यहां कभी न रखें।
उपाय
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कूड़ा-कचरा रखने के लिए सबसे उचित दिशा पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिशा मानी जाती है। इन दिशाओं में कूड़ा रखने से घर की सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और आर्थिक समृद्धि में भी कोई बाधा नहीं आती।
- पश्चिम दिशा: इस दिशा में कूड़ा रखने से घर की ऊर्जा प्रभावित नहीं होती और यह दिशा वास्तु शास्त्र के अनुसार उपयुक्त मानी जाती है।
- दक्षिण-पश्चिम दिशा: इस दिशा में कूड़ा रखने से भी वास्तु दोष नहीं होता और घर में शांति बनी रहती है।