आज, 23 नवंबर 2024, को भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की जयंती श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। यह दिन समर्पित है उन भक्तों के लिए, जो अपने जीवन की परेशानियों और संकटों से छुटकारा पाने के लिए भगवान काल भैरव की उपासना करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव संकटहर्ता और दुष्टों का नाश करने वाले देवता हैं। उनकी पूजा से जीवन में शांति, सफलता और समृद्धि आती है।
काल भैरव की महिमा
काल भैरव भगवान शिव का वह रूप हैं, जो न्याय के अधिपति माने जाते हैं। इनकी पूजा से न केवल शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, बल्कि काल का भय भी समाप्त हो जाता है। इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से उनकी उपासना करता है, उसके जीवन के सारे विघ्न दूर हो जाते हैं।
इन 5 उपायों से करें भगवान काल भैरव को प्रसन्न
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संध्या समय दीपदान करें
काल भैरव को दीपदान का विशेष महत्व है। सूर्यास्त के समय सरसों के तेल का दीपक जलाकर भगवान को अर्पित करें। इससे आपके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी। -
काले तिल का दान
काले तिल और काले वस्त्र का दान करना काल भैरव को प्रसन्न करता है। यह उपाय शनि और राहु के दुष्प्रभाव को भी कम करता है। -
भैरव चालीसा का पाठ करें
काल भैरव जयंती पर भैरव चालीसा या काल भैरव अष्टक का पाठ अवश्य करें। इससे जीवन में चल रही बाधाओं का अंत होता है। -
भैरव मंदिर में मिष्ठान चढ़ाएं
भगवान को गुड़ और काले तिल से बनी मिठाई चढ़ाएं। इसके बाद इसे गरीबों और कुत्तों को वितरित करें। इससे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। -
काले कुत्ते को भोजन कराएं
काल भैरव को काले कुत्ते का प्रतीक माना जाता है। काले कुत्ते को रोटी और दूध खिलाने से भगवान भैरव प्रसन्न होते हैं।
काल भैरव की कृपा से बदल सकती है किस्मत
काल भैरव की उपासना से जीवन में सुख-समृद्धि और उन्नति आती है। उनका आशीर्वाद शत्रुओं पर विजय दिलाने और कठिन परिस्थितियों में मार्गदर्शन प्रदान करने में सहायक होता है।
इस जयंती पर भगवान काल भैरव की पूजा और उनके बताए मार्ग का अनुसरण करें। इससे न केवल जीवन की समस्याओं का समाधान मिलेगा, बल्कि आत्मिक शांति और संतोष भी प्राप्त होगा।