रेलवे ट्रैक के 'पत्थरों' का राज खोला! जानिए क्यों बिछाए जाते हैं ये



हम सभी रेल यात्रा करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रेलवे ट्रैक पर बिछे पत्थरों का क्या महत्व है? ये पत्थर सिर्फ सजावट के लिए नहीं बल्कि कई महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देते हैं। आइए जानते हैं इन पत्थरों के पीछे छिपे रहस्यों के बारे में।

क्यों बिछाए जाते हैं रेलवे ट्रैक पर पत्थर?

रेलवे ट्रैक पर बिछे पत्थरों को तकनीकी भाषा में 'बैलास्ट' कहा जाता है। ये बैलास्ट कई कारणों से महत्वपूर्ण होते हैं:

पटरियों को स्थिर रखना: जब कोई ट्रेन गुजरती है तो पटरियों पर काफी दबाव पड़ता है। बैलास्ट ये सुनिश्चित करता है कि पटरियां अपनी जगह से न हटें और ट्रेन सुरक्षित रूप से चलती रहे।

कंपन को कम करना: जब ट्रेन चलती है तो पटरियों में कंपन होता है। बैलास्ट इस कंपन को सोख लेता है जिससे ट्रेन की यात्रा अधिक आरामदायक हो जाती है।

पानी का निकास: बारिश के मौसम में पानी पटरियों पर जमा हो जाता है। बैलास्ट इस पानी को सोख लेता है जिससे पटरियां फिसलन नहीं होती हैं और ट्रेन दुर्घटना का खतरा कम हो जाता है।

पटरियों को सीधा रखना: समय के साथ पटरियां थोड़ी सी टेढ़ी-मेढ़ी हो सकती हैं। बैलास्ट को समायोजित करके पटरियों को फिर से सीधा किया जा सकता है।

बैलास्ट के लिए किस तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है?

बैलास्ट के लिए आमतौर पर छोटे, कठोर और गोल पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है। ये पत्थर पानी को सोखने में अच्छे होते हैं और आसानी से एक-दूसरे के ऊपर बैठ जाते हैं।

क्या आप जानते हैं?

कुछ रेलवे लाइनों पर बैलास्ट के रूप में कंक्रीट का भी इस्तेमाल किया जाता है।

बैलास्ट को समय-समय पर बदलना होता है क्योंकि यह टूट जाता है या गंदा हो जाता है।

बैलास्ट की मोटाई अलग-अलग रेलवे लाइनों पर अलग-अलग होती है।

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