मुस्लिम परंपरा में रात के समय शव का अंतिम संस्कार करने (दफनाने) की कोई विशेष धार्मिक अनिवार्यता नहीं है। हालांकि, कुछ व्यावहारिक और सांस्कृतिक कारणों से यह हो सकता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
1. जल्द दफनाने की परंपरा
इस्लाम में यह सिखाया गया है कि शव का अंतिम संस्कार (दफन) जितना जल्दी हो सके, उतना ही बेहतर है। इसका उद्देश्य यह है कि शरीर अधिक समय तक न रखा जाए और इसे सम्मानपूर्वक और समय पर मिट्टी के सुपुर्द कर दिया जाए। अगर किसी का निधन रात में होता है और परिस्थितियां अनुकूल हैं, तो रात में ही दफन किया जा सकता है।
2. जलवायु और मौसम
गर्म देशों (जैसे मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया) में, गर्म मौसम के कारण शव को लंबे समय तक रखना व्यावहारिक नहीं होता। इसलिए दिन हो या रात, जल्द से जल्द दफन करना प्राथमिकता होती है।
3. सामाजिक और पारिवारिक सहूलियत
कई बार ऐसा हो सकता है कि परिवार या समुदाय के लोग दफन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं, ताकि वे अगले दिन कामकाज पर लौट सकें या धार्मिक विधियों का पालन कर सकें।
4. धार्मिक स्वतंत्रता
इस्लाम में दिन या रात में दफनाने की अनुमति है। हालांकि, इसे सूरज ढलने के बाद करना चाहिए ताकि दिन के व्यस्त समय में किसी को परेशानी न हो।
5. व्यावहारिक कारण
रात में ट्रैफिक कम होता है, और समुदाय के लोग आसानी से इकट्ठा हो सकते हैं। इससे अंतिम संस्कार के कार्यों को शांतिपूर्ण ढंग से किया जा सकता है।