उन्नाव, 9 नवंबर 2024: उन्नाव जिले के कब्बा खेड़ा इलाके में एक पुलिसकर्मी द्वारा शराब के नशे में सड़क पर घूमने का मामला सामने आया है, जिसने खाकी वर्दी की गरिमा को भुला दिया। सिपाही योगेंद्र अवस्थी, जो अपनी वर्दी में शराब के नशे में धुत होकर लड़खड़ाते हुए चलते नजर आए, एक गंभीर सवाल खड़ा कर रहे हैं कि क्या पुलिस बल में अनुशासन की स्थिति ठीक है?
घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिनमें योगेंद्र अवस्थी की पूरी वर्दी पानी से भीगी हुई दिख रही थी। यह साफ़ संकेत है कि वह किसी नाली या गड्डे में गिर चुके थे। इस घटना ने स्थानीय निवासियों को हैरान कर दिया, क्योंकि पुलिसकर्मी के नशे की हालत में इस तरह सड़कों पर घूमेंने से न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं, बल्कि पुलिस बल की छवि भी धूमिल होती है।
पुलिस के जवानों की वर्दी केवल एक कपड़ा नहीं, बल्कि यह समाज की सुरक्षा, जिम्मेदारी और ईमानदारी का प्रतीक होती है। जब किसी पुलिसकर्मी द्वारा नशे में इस तरह की हरकत की जाती है, तो यह न केवल उस व्यक्ति के पेशेवर कर्तव्यों का उल्लंघन है, बल्कि पूरे पुलिस बल की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाता है।
#उन्नाव में नशेड़ी सिपाही नशे की हालत में खाकी की मान मर्यादा भूला सिपाही उन्नाव के कब्बा खेड़ा में वर्दी में शराब के नशे में लड़खड़ाते कदमों में घूमते दिखा सिपाही योगेंद्र अवस्थी... पानी से भीगी वर्दी बता रही है कि सिपाही
— जनाब खान क्राइम रिपोर्टर (@janabkhan08) November 8, 2024
किसी नाली या नाले में भी गिर चुका हैं #Unnao@Uppolice pic.twitter.com/kqkvZalOm1
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सिपाही योगेंद्र अवस्थी कब्बा खेड़ा क्षेत्र में शराब के नशे में बुरी तरह लड़खड़ा रहे थे। पानी से भीगी वर्दी यह बताती है कि वह किसी गहरे नाले या गड्डे में गिर गए होंगे और किसी तरह से बाहर निकलकर अपनी ड्यूटी की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वह किस परिस्थिति में इस हालत में पहुंचे, लेकिन उनके इस कृत्य ने पुलिस विभाग को शर्मिंदा किया है।
यह घटना इस बात को भी उजागर करती है कि नशे की समस्या केवल आम लोगों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कुछ पुलिसकर्मी भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे मामलों में पुलिस की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह समाज में असुरक्षा का माहौल पैदा करता है। जहां एक ओर पुलिस को अपराधों को नियंत्रित करने का काम सौंपा गया है, वहीं दूसरी ओर ऐसे मामलों में पुलिसकर्मियों का व्यवहार और अनुशासन पर सवाल उठने लगते हैं।
हालांकि, इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि पुलिस विभाग इस घटना का संज्ञान लेगा और संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिसकर्मियों के लिए विभागीय अनुशासन और आत्म-नियंत्रण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और इस तरह की घटनाओं से विभाग की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
उन्नाव में घटित यह घटना एक गंभीर संकेत है कि पुलिस बल में अनुशासन की आवश्यकता है और नशे की समस्या को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है। इस घटना से यह भी साफ़ होता है कि अगर पुलिस बल के भीतर ऐसे घटनाएं घटती हैं, तो समाज में कानून व्यवस्था और सुरक्षा पर सवाल उठ सकते हैं। पुलिस विभाग को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे कृत्य फिर से न हों और खाकी वर्दी की गरिमा बनी रहे।