आजमगढ़, उत्तर प्रदेश: आजमगढ़ जिले से एक बेहद चिंताजनक घटना सामने आई है, जहां दलित समुदाय की महिलाओं पर हमला और हिंसा की रिपोर्टें आई हैं। यह घटना एक छोटे से गाँव में हुई, जहां आरोप है कि 10-15 की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग एक दलित परिवार के घर में घुस गए और महिलाओं से छेड़छाड़ की।
ग्रामीणों के अनुसार, हमलावरों ने न केवल महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया बल्कि जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। बताया जा रहा है कि इस हमले के दौरान उन्होंने महिलाओं पर हिंसक वार भी किए जिससे दो गर्भवती महिलाओं को चोटें आईं।
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिलाओं ने अपने बचाव में चीख-पुकार की, जिससे गाँव के अन्य लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हुए। हालांकि, तब तक हमलावर वहां से भाग निकले।
📍यूपी के #आजमगढ़ में दलितों पर मुस्लिमों का कहर
— Priyanshu Kumar (@priyanshu__63) November 2, 2024
◉ महिलाओं को अकेला देखकर 10-15 मुस्लिम घर मे घुसे व छेड़छाड़ करते हुए जातिसूचक गालियां दीं व मारपीट की
◉ हमले में दो गर्भवती महिलाओं को चोटें आयीं
◉ पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप@azamgarhpolicepic.twitter.com/SxFmishEFR
घटना के बाद पीड़ित परिवार ने स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, आरोप है कि पुलिस ने अभी तक उचित कार्रवाई नहीं की है। पीड़ितों और गाँव के अन्य लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन ने घटना की गंभीरता को नज़रअंदाज़ किया और मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
इस घटना ने पूरे इलाके में भय और आक्रोश का माहौल बना दिया है। सामाजिक संगठनों और स्थानीय नेताओं ने इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता की आलोचना की है और तत्काल न्याय की मांग की है। एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, "यह घटना हमारी सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर सवाल खड़ा करती है। प्रशासन को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं फिर न हों।"
आजमगढ़ की इस घटना ने दलित समुदाय के प्रति होने वाले अत्याचारों और पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे की जांच और कार्रवाई कैसे आगे बढ़ती है और पीड़ितों को न्याय मिलता है या नहीं।